Aam Admi Party: AAP PAC की बैठक में फैसला लेते हुए गोपाल राय को दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया है. अब गोपाल राय की जगह दिल्ली की कमान सौरभ भारद्वाज को सौंप दी गई है. सौरभ भारद्वाज को दिल्ली आप का अध्यक्ष बनाया गया है. वहीं, महराज मालिक को जम्मू-कश्मीर AAP का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है.
एन्टी करप्शन ब्यूरो ने बड़ा कदम उठाते हुए जैन पर भ्रष्टाचार का मामला दर्ज कर लिया है. जैन पर 16 करोड़ का जुर्माना माफ करने के लिए 7 करोड़ की रिश्वत लेने के आरोप लगे हैं.
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि शराब तस्करी रोकने के लिए विभाग ने उचित कदम नहीं उठाए. आधुनिक तकनीकों, जैसे डेटा एनालिटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग नहीं किया गया, जिससे तस्करी पर काबू नहीं पाया जा सका. इसके अलावा, 65% जब्त की गई शराब देसी शराब थी, जो दिखाता है कि अवैध शराब का कारोबार बड़े पैमाने पर चल रहा था.
विधानसभा में इस मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ. AAP विधायक इस कदम को अपमानजनक मानते हुए विरोध कर रहे थे. विपक्षी नेता आतिशी ने कहा कि सीएम रेखा गुप्ता के दफ्तर से आंबेडकर और भगत सिंह की तस्वीरें हटाना संविधान निर्माता और शहीदों का अपमान है.
आज से आठ साल पहले जो मुद्दा था, वह अब भी दिल्ली की राजनीति में चर्चा का विषय बना हुआ है. 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को झटका लगा है. पार्टी 62 सीटों से सीधे 22 सीटों पर आ गई है. वहीं कपिल मिश्रा करावल नगर सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव भी जीत चुके हैं.
पंजाब के मुख्यमंत्री बनने का सवाल अरविंद केजरीवाल के सामने इस समय एक बड़ा राजनीतिक दांव है, लेकिन यह माना जा रहा है कि वह आग में हाथ जलाने की जोखिम नहीं लेंगे. पंजाब की वर्तमान स्थिति को देखते हुए, जहां कानून व्यवस्था, ड्रग माफिया और महिला कल्याण जैसे मुद्दे पार्टी के लिए सिरदर्द बन चुके हैं, केजरीवाल के लिए पंजाब की कमान संभालना कोई आसान काम नहीं होगा.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली के 70 निर्वाचित विधायकों में से 31 के खिलाफ आपराधिक मामले हैं, जिसमें 17 विधायक गंभीर आरोपों का सामना कर रहे हैं. इन आरोपों में हत्या के प्रयास और महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे गंभीर मामले शामिल हैं.
अब बात करते हैं इंडिया गठबंधन के भविष्य की, जिसे दिल्ली चुनाव के बाद से लेकर कई बार सवालों के घेरे में देखा गया है. कांग्रेस और AAP के बीच के संघर्ष ने इस गठबंधन की एकजुटता और सामूहिक लक्ष्य को पूरी तरह से चुनौती दी है. जब दो प्रमुख दल आपस में लड़ रहे थे, तो भाजपा को इस लड़ाई में आसानी से फायदा हुआ और उसका राजनीतिक ग्राफ बढ़ा.
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में भारतीय जनता पार्टी को बड़ी जीत मिली है. देश के राजधानी में 27 साल बाद बीजेपी की सरकार बनने जा रही है.
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में अरविंद केजरीवाल की जीत के बाद उनका आत्मविश्वास सातवें आसमान पर था. वो सोचने लगे थे कि दिल्ली में अब उनकी पार्टी को कोई चुनौती नहीं दे सकता, क्योंकि कांग्रेस और बीजेपी दोनों को उन्होंने खारिज कर दिया था. लेकिन ये सोचते हुए वे भूल गए कि राजनीति में आराम करना, खतरनाक हो सकता है.