पोस्ट में यह भी धमकी दी गई है कि अगर प्रेम ढिल्लों ने अपनी राह नहीं बदली, तो वह कहीं भी चले जाएं, उन्हें नहीं बख्शा जाएगा. पोस्ट में यह लिखा गया है, "तुम जहां भी जाओ, तुम्हारी कोई मदद नहीं कर सकेगा. कनाडा हो, ऑस्ट्रेलिया हो, तुम्हें हमारे खिलाफ जो कुछ भी किया है, उसका बदला लिया जाएगा."
आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि क्या ये सब सिर्फ महंगाई, बेरोज़गारी, और विदेश नीति की गलतियों का नतीजा है, या फिर ये केवल 'ट्रंप फेक्टर' का असर है? इसी सवाल का जवाब ढूंढते हुए, हम जानते हैं कि कनाडा में अब क्या हो रहा है, और क्यों जस्टिन ट्रूडो का इस्तीफा सिर्फ एक राजनैतिक कदम नहीं, बल्कि भविष्य के लिए एक बड़े बदलाव का संकेत हो सकता है!
"ग्लोब एंड मेल" की रिपोर्ट के बाद कनाडा सरकार ने स्पष्ट किया है कि उनके पास भारतीय अधिकारियों को इस हत्या से जोड़ने वाले कोई ठोस सबूत नहीं हैं. यह बयान ऐसे समय पर आया है जब दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों में कमी आई है और भारत ने कनाडा से अपने राजनयिक संबंधों में भी कटौती की है.
Canada: एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अर्शदीप को 27-28 अक्टूबर को कनाडा में हुए शूटआउट के बाद हिरासत में ले लिया गया था. हरदीप सिंह निज्जर का करीबी अर्शदीप को लेकर यह जानकारी सामने नहीं आई है कि हिरासत के बाद उसे रिहा किया गया या नहीं.
External Affairs Minister S Jaishankar: बता दें कि भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर चार दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर ऑस्ट्रेलिया में हैं. एस जयशंकर के ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष पेनी वोंग ने इन घटनाओं को भारतीय समुदाय के लिए "परेशान करने वाला" बताया.
Canada Crisis: कैनेडियन नेशनल काउंसिल ऑफ हिंदू के बैनर तले यह विरोध प्रदर्शन आयोजित किए गए. एक दिन पहले ही कनाडा में तमाम हिन्दू संगठनों ने बैठक की थी. जिसके बाद यह निर्णय लिया गया.
ब्रैम्पटन के प्रसिद्ध हिंदू सभा मंदिर में श्रद्धालुओं पर हमला हुआ. इस हमले में शामिल तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें 23 वर्षीय विकास और 31 वर्षीय अमृतपाल सिंह के नाम सामने आए हैं.
India-Canada Row: दरअसल, रविवार को खालिस्तानी समर्थकों ने ब्रैम्पटन में हिंदू मंदिर में भक्तों के एक समूह को निशाना बनाया है. इस घटना से हिंदुओं में बड़े स्तर पर आक्रोश फैल गया है.
Canada: खालिस्तानी समर्थकों ने कनाडा के एक हिंदू मंदिर में श्रद्धालुओं पर हमला कर दिया है. भारतीय मूल के सांसद चंद्र आर्य ने इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया है. इस वीडियो को शेयर कर सांसद चंद्र आर्य ने लिखा, 'खालिस्तानी चरमपंथियों को खुली छूट मिल रही है.'
कुल मिलाकर, भारत सरकार ने अपने गृह मंत्री पर लगे आरोपों को स्पष्ट रूप से नकारते हुए कहा है कि इस तरह के दावों से द्विपक्षीय संबंधों में और जटिलता आ सकती है.