काश आनंद ने अपनी बुआ और बसपा सुप्रीमो मायावती से माफी मांगी है. उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर ट्वीट करते हुए मायावती से भावुक अपील की है. उन्होंने कहा कि एक बार फिर से पार्टी में बुला लीजिए. अब गलती नहीं करूंगा
अब मायावती ने आनंद कुमार के स्थान पर सहारनपुर के रणधीर बेनीवाल को नेशनल कोऑर्डिनेटर नियुक्त किया है. इसके साथ ही, राम जी गौतम को भी नेशनल कोऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी सौंपी गई है. दोनों नेता मायावती के दिशा-निर्देशों पर विभिन्न राज्यों में पार्टी की गतिविधियों की जिम्मेदारी संभालेंगे.
मायावती ने इस बात का ऐलान अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट करके किया. उन्होंने लिखा कि आकाश को अपने ससुर अशोक सिद्धार्थ के संपर्क में बने रहने के कारण बाहर किया गया है.
इतना तो पक्का है कि मायावती ने अपने फैसले से यह साबित कर दिया कि राजनीति में परिवार चाहे जितना भी हो, पार्टी और मूवमेंट सबसे ऊपर आता है. अब समय ही बताएगा कि उनका यह कदम सफलता की ओर ले जाएगा या फिर एक नई सियासी खिचड़ी बनेगी.
UP By-Election: यूपी उपचुनाव में RLD का भी खाता खुलते हुए एक सीट अपने नाम किया है. मगर यूपी की पूर्व सीएम मायावती की पार्टी BSP का खाता खुलना तो दूर उन्होंने एक भी सीट पर फाइट तक नहीं कर पाई है.
Amethi Murder Case: मायावती ने शुक्रवार की सुबह एक्स पर लिखा, ''यूपी के अमेठी जिले में एक दलित परिवार के चार लोगों की एक साथ की गयी निर्मम हत्या की घटना अति-दुखद व चिंताजनक है.
Mayawati: राहुल गांधी ने अमेरिकी यात्रा के दौरान विभिन्न मंचों पर जो बयान दिए उस पर बीजेपी के बाद सबसे ज्यादा हमलावर बसपा प्रमुख मायावती ही हैं. कांग्रेस नेता राहुल गांधी के आरक्षण को लेकर अमेरिका में दिए गए बयान को बसपा ने लपक लिया है.
Mayawati: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बीएसपी सुप्रीमो ने लिखा कि सपा सरकार में तो बीजेपी की तरह ही कानून-व्यवस्था का बुरा हाल था. दलितों, पिछडे़ वर्गों, गरीबों और व्यापारियों आदि को सपा के गुण्डे, माफिया दिन-दहाड़े लूटते और मारते-पीटते थे, ये सब लोग भूले नहीं हैं.
Mayawati: मायावती ने कांग्रेस पार्टी को दोगले चरित्र की पार्टी करार देते हुए कहा कि यह कांग्रेस पार्टी ही है जिसने कभी भी बाबा साहब को सम्मान नहीं दिया, ना तो जीते जी ना ही मरणोपरांत उन्हें भारत रत्न दिया.
बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने आगे कहा कि बीएसपी के प्रयासों से यहां लागू हुई ओबीसी आरक्षण की तरह ही राष्ट्रीय जातीय जनगणना जनहित का एक खास राष्ट्रीय मुद्दा, जिसके प्रति केंद्र को गंभीर होना जरूरी.