बालाघाट के भजियापारा की रहने वाली सूमा उइके ज्यादा पढ़ी-लिखी नहीं है. थर्मल थेरेपी चलाने से पहले वे घर के ही काम देखती थीं. सूमा को जबल स्वयं सहायता समूह के बारे में जानकारी मिली तो उन्होंने आसापास की महिलाओं को इकट्ठा करके सेल्फ हेल्प ग्रुप शुरू किया. जिसकी वे खुद अध्यक्ष बन गईं.