Syed Ahmed Musavi

Iran Islamic Revolution

ईरान की सत्ता का ‘सूत्रधार’ है बाराबंकी का किंटूर गांव? जानें सुप्रीम लीडर खामेनेई का UP कनेक्शन?

सैयद अहमद मुसवी की मौत 1869 में हुई और उन्हें इराक के कर्बला में दफनाया गया. लेकिन उनकी धार्मिक शिक्षाएं और उनकी सोच उनके परिवार में ज़िंदा रहीं. इन्हीं विचारों ने न सिर्फ उनके वंशजों को, बल्कि पूरे ईरान की राजनीति और समाज को भी बहुत गहराई से प्रभावित किया. उन्हीं के पोतों में से एक थे रुहोल्लाह, जिन्हें आज दुनिया अयातुल्ला रुहोल्लाह खामेनेई के नाम से जानती है.

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