तेलंगाना की राजनीति हमेशा से जातिगत समीकरणों पर चलती रही है. रेड्डी और वेलमा जैसे समुदाय तो प्रभावशाली हैं ही, लेकिन ओबीसी, एससी और एसटी समुदाय भी महत्वपूर्ण वोट बैंक हैं. ब्राह्मणों का सामाजिक प्रभाव भी कम नहीं है. अब एन रामचंद्र राव के आने और टी राजा सिंह के जाने से बीजेपी एक नई राह पर चलती दिख रही है.
अक्सर अपने बेबाक बयानों के चलते सुर्खियों में रहने वाले राजा सिंह कई बार विवादों में भी घिर चुके हैं. उन्होंने अपने पत्र में एक महत्वपूर्ण बात कही है. उन्होंने लिखा, "बहुत से लोगों की चुप्पी को सहमति नहीं समझा जाना चाहिए."
T Raja Singh: पकड़े गए संदिग्धों की पहचान शेख इस्माइल और मुहम्मद कजा के रूप में हुई है. जब उनके मोबाइल फोन की जांच की गई तो पुलिस को उसमेंम विधायक राजा सिंह की तस्वीरें और बंदूक की गोलियों की तस्वीरें मिलीं.
Gujarat News: पुलिस ने बताया कि आरोपी पाकिस्तान और नेपाल में बैठों लोगों के संपर्क में था. उसकी योजना सबसे पहले हिंदू सनातन संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपदेश राणा को निशाना बनाने की थी.