Tahawwur Rana: NIA की पूछताछ में राणा ने स्वीकार किया कि वह पाकिस्तानी सेना का भरोसेमंद एजेंट था. उसने बताया कि वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के साथ मिलकर 26/11 हमले की साजिश में शामिल था.
Tahawwur Rana: तहव्वुर राणा ने इस पूछताछ में सही से सहयोग नहीं कर रहा है. NIA फिर भी अपने तरीकों से होने सवालों के जवाब उससे निकलवा रही है. इसी बीच तहव्वुर राणा ने अधिकारीयों के सामने अपनी कुछ डिमांड सामने रखी है.
Tahawwur Rana: अमेरिका से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया आतंकी तहव्वुर राणा अब NIA की 18 दिन की कस्टडी में है. उसे गुरुवार देर रात एनआईए कोर्ट के समक्ष पेश किया गया था.
अब एनआईए राणा से गहन पूछताछ करेगी. माना जा रहा है कि इस पूछताछ में मुंबई हमले से जुड़े कई अनसुलझे सवालों के जवाब मिल सकते हैं. क्या राणा पाकिस्तान की साजिश के और सबूत देगा? इस हमले के पीछे और कौन-कौन शामिल था? ये सवाल हर भारतीय के मन में हैं.
राउत यहीं नहीं रुके. उन्होंने आर्थिक भगोड़ों नीरव मोदी और मेहुल चोकसी को भारत लाने की मांग भी उठाई. साथ ही, पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की रिहाई का मुद्दा भी छेड़ दिया. जाधव को 2016 में पाकिस्तान ने कथित जासूसी के आरोप में पकड़ा था और मौत की सजा सुनाई थी.
NIA ने पूछताछ के लिए कड़े इंतजाम किए हैं. राणा को NIA मुख्यालय के ग्राउंड फ्लोर पर बने एक खास लॉकअप में रखा गया है. इस लॉकअप में दो CCTV कैमरे लगे हैं, जो 24 घंटे उनकी निगरानी कर रहे हैं. उनके खाने-पीने का इंतजाम भी यहीं किया गया है.
मोदी सरकार के नेतृत्व में भारत ने वैश्विक मंच पर अपनी ताकत दिखाई है. राणा का भारत आना न सिर्फ 26/11 के पीड़ितों के लिए इंसाफ की उम्मीद है, बल्कि ये भी दिखाता है कि मोदी सरकार आतंकवाद के खिलाफ कितनी सख्त है. चाहे पुलवामा हो या उरी, मोदी ने हमेशा दो टूक कहा, "आतंकवाद बर्दाश्त नहीं!"
Tahawwur Rana: 26/11 मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को यूएस से भारत विशेष प्लेन से लाया गया. इस पर प्रति घंटे 9 लाख रुपये खर्च हुए. 40 घंटे की उड़ान के लिए कुल 4 करोड़ रुपये खर्च किए गए
Tahawwur Rana Extradition: जब से तहव्वुर राणा के प्रत्यार्पण की खबरें सामने आई थी तब से पाकिस्तान ने कोई रिएक्शन नहीं दिया था. मगर राणा के भारत आते ही पकिस्तान का इस मामले पर पहला रिएक्शन सामने आया है. आज पाकिस्तान ने राणा को लेकर अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फरवरी 2025 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की और राणा का मुद्दा उठाया. ट्रंप ने इसके बाद कहा कि राणा को भारत भेजा जाएगा. एनआईए ने एक खास टीम बनाई, जो अमेरिका गई और वहां के अधिकारियों के साथ मिलकर कागजी काम पूरा किया.