जगनमोहन रेड्डी की अपनी मजबूरियां भी हैं. 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव में YSRCP को करारी हार का सामना करना पड़ा. ऐसे में, उनके पास कांग्रेस या इंडिया अलायंस के साथ जाने का कोई रास्ता नहीं. आंध्र प्रदेश में कांग्रेस के साथ उनकी पुरानी दुश्मनी है, जो उनके पिता वाईएस राजशेखर रेड्डी के समय से चली आ रही है.
टीडीपी के इन संशोधनों को स्वीकार किए जाने के बाद पार्टी ने विधेयक के समर्थन में मतदान करने का फैसला किया है. पार्टी का मानना है कि ये बदलाव वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और पारदर्शिता को बेहतर बनाएंगे. उधर, जेडीयू के सुझावों को भी विधेयक में जगह मिलने से संकेत मिल रहे हैं कि नीतीश कुमार की पार्टी भी इस बिल के पक्ष में खड़ी हो सकती है.
टीडीपी सरकार ने आदेश जारी कर कहा कि राज्य के सभी मुस्लिम कर्मचारी को 2 मार्च से 30 मार्च तक एक घंटा पहले कार्यालय छोड़ने की अनुमति दी जाएगी.
नायडू को हैदराबाद का मुख्य वास्तुकार भी माना जाता है. चंद्रबाबू नायडू ने हैदराबाद को हाई-टेक शहर के रूप में विकसित करने में अहम भूमिका निभाई.
जनता दल यूनाइटेड की ओर से ललन सिंह और राम नाथ ठाकुर को केंद्रीय मंत्री की जिम्मेदारी मिल सकती है. वहीं, तेलुगु देशम पार्टी की तरफ से जीएम हरीश और राम मोहन नायडू मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं.
सूत्रों के अनुसार , 16 और 12 सीटों वाली टीडीपी और जेडीयू अपने पसंदीदा मंत्रालयों पर नज़र गड़ाए हुए हैं. शुरुआती चर्चाओं के आधार पर, सहयोगी दल हर चार सांसदों के लिए एक मंत्री की मांग कर रहे हैं.
बहरहाल , केंद्र में एनडीए की लगातार तीसरी बार सरकार बनाने के लिए अहम भूमिका निभाने वाली दो पार्टियों टीडीपी और जेडी(यू) ने लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए दबाव बनाने का फैसला किया है.