बुलंदशहर हाईवे गैंगरेप केस में 9 साल बाद मिला इंसाफ, पांचों दोषियों को कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा

Uttar Pradesh Crime Update: बुलंदशहर सामूहिक बलात्कार मामले में अदालत ने सभी पांच दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.
Bulandshahr highway gangrape case

बुलंदशहर रेप केस में पांचों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा

Uttar Pradesh Crime Update: बुलंदशहर सामूहिक बलात्कार मामले में अदालत ने सभी पांच दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि ऐसे अपराधियों को समाज से दूर रखा जाना चाहिए. यह घटना साल 2016 की है, जिस पर आज कोर्ट का फैसला आया है.

इस मामले को लेकर एडीजीसी वरुण कौशिक ने कहा, “आज अदालत ने सभी पांच दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है और अदालत ने यह संदेश भी दिया है कि ऐसे अपराधियों को समाज से दूर रखा जाना चाहिए. 2016 में, दोस्तपुर राजमार्ग पर बलात्कार और लूट की घटना घटी. अपराधियों ने मां और बेटी के साथ सामूहिक बलात्कार का घिनौना कृत्य किया. इस मामले में सबसे अहम सबूत यह था कि एक अपराधी का डीएनए पीड़िता की मां के कपड़ों पर पाया गया था. छह अपराधियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई थी, जिनमें से एक की 2019 में मुकदमे के दौरान जेल में मौत हो गई थी. बाकी बचे 5 आरोपियों को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.”

3 आरोपियों की हो चुकी है मौत

यह फैसला विशेष पॉक्सो न्यायाधीश ओपी वर्मा ने सुनाया है. सभी दोषियों को उम्र कैद के साथ ही 1 लाख 81 हजार रुपए सभी आरोपियों को देने होंगे. कोर्ट के अनुसार, जुर्माने की आधी राशि पीड़ित बेटी और मां को दिया जाएगा. पीड़ित परिवार के आरोपियो को फांसी देने की मांग उठाई थी. बता दें, इस मामले में कुल 11 आरोपी बनाए गए थे, जिसमें 1 आरोपी की साल 2019 में मौत हो गई थी. जबकि दो आरोपियों को अलग-अलग मामलों में नोयडा व हरियाणा पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया है. वहीं 3 आरोपियों को बरी कर दिया गया है.

ये भी पढ़ेंः ‘देश में दो ‘नमूने’, एक लखनऊ और दूसरे दिल्ली…’, CM योगी का अखिलेश-राहुल पर बड़ा हमला, विधानसभा में भड़के सपाई

आरोपियों के वकील ने मुकदमे को बताया फर्जी

यह घटना न सिर्फ बुलंदशहर और यूपी बल्कि पूरे देश में चर्चा का विषय रही. घटना के बाद यूपी की कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़े होने लगे थे. हालांकि सरकार ने कार्रवाई करते हुए उस दौरान तैनात पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था, साथ ही तत्तकालीन एसएसपी, एपसी सिटी और सीओ सिटी पर भी कार्रवाई की गई थी. आरोपियों के वकील ने अदालत के निर्णय पर नाराजगी जताते हुए कहा कि इस फैसले को लेकर हाईकोर्ट पर चुनौती देंगे. वकील ने पूरे मुकदमे को फर्जी बताया है.

ज़रूर पढ़ें