Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस को बड़ा झटका, दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने दिया इस्तीफा
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. पार्टी के दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. बताया जा रहा है कि लवली ने दिल्ली कांग्रेस प्रभारी महासचिव दीपक बाबरिया के साथ अनबन के चलते पद छोड़ा है.दरअसल, ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जब नेताओं ने बाबरिया के तौर-तरीकों पर आपत्ति जताई है. लवली के मुताबिक, उन पर बाबरिया के खिलाफ रहने वाले नेताओं को बाहर करने का भारी दबाव है. इसलिए वह इस्तीफा दे रहे हैं.
अरविंदर सिंह लवली ने इस्तीफे में लिखा कि अरविंदर लवली ने इस्तीफे में लिखा है कि वह कई कारणों से खुद को अपंग महसूस करते हैं और दिल्ली पार्टी इकाई के अध्यक्ष के रूप में बने रहने में अपने आप को असमर्थ समझते हैं. पत्र में उन्होंने लिखा, ’31 अगस्त 2023 को मुझे दिल्ली कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया गया, जिसके लिए मैं पार्टी का आभार व्यक्त करता हूं.
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दिल्ली में AAP के साथ गठबंधन पर जताई नाराजगी
मैंने पिछले 7-8 महीनों में दिल्ली में पार्टी को फिर से स्थापित करने का भरपूर प्रयास किया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पार्टी फिर से उसी स्थिति में पहुंच जाए, जैसी कभी थी.’ उन्होंने पत्र में लिखा है कि दिल्ली कांग्रेस इकाई उस पार्टी के साथ गठबंधन के खिलाफ थी जो कांग्रेस के खिलाफ झूठे, मनगढ़ंत और दुर्भावनापूर्ण भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के एकमात्र आधार पर बनी थी. इसके बावजूद, पार्टी ने दिल्ली में AAP के साथ गठबंधन करने का निर्णय लिया.
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— Vistaar News (@VistaarNews) April 28, 2024
“पार्टी को पुनर्जीवित करने के लिए कड़ी मेहनत की”
उन्होंने आगे लिखा, ‘अगस्त 2023 में जब मुझे कार्यभार सौंपा गया था तब पार्टी इकाई किस स्थिति में थी, यह सब जानते हैं. तबसे मैंने कई उपाय करके पार्टी को पुनर्जीवित करने और अपने स्थानीय कार्यकर्ताओं को फिर से सक्रिय करने के लिए कड़ी मेहनत की है. मैंने सैकड़ों स्थानीय पार्टी कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेताओं को फिर से पार्टी में शामिल किया, जो या तो पार्टी छोड़ चुके थे या निष्क्रिय हो गए थे. जबकि कई साल से पार्टी ने शहर में कोई बड़ा कार्यक्रम/रैली नहीं की थी. मैंने यह भी सुनिश्चित किया कि रैली और कार्यक्रमों के जरिए शहर की सभी 7 संसदीय सीटें कवर हो जाएं क्योंकि आम चुनावों के लिए बहुत कम समय बचा था.’