कम नहीं हो रही सपा सांसद अफजाल अंसारी की मुश्किलें, अब यूपी सरकार ने हाई कोर्ट से की सजा बढ़ाने की मांग
Afzal Ansari: गाजीपुर के सांसद और समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार अफजाल अंसारी की मुश्किलें दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है. अब यूपी सरकार ने भी अफजाल अंसारी को गैंगस्टर मामले में मिली 4 साल की सजा को बढ़ाए जाने की मांग को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल कर दी है. हालांकि, आज अफजाल अंसारी की याचिका पर हाई कोर्ट में आज बहस शुरू नहीं हो सकी. अब इस पर कल सुनवाई होगी.
हाई कोर्ट के जस्टिस संजय कुमार सिंह की सिंगल बेंच में कल 3 मई को दोपहर 2:00 बजे से सुनवाई होगी. मौत के घाट उतारे जा चुके बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय का परिवार पहले ही सजा बढ़ाए जाने की मांग को लेकर याचिका दाखिल कर चुका है. कल 3 मई को तीनों याचिकाओं पर सुनवाई एक साथ होगी.
कृष्णानंद राय हत्याकांड मामले में फंसा था अफजाल
बता दें कि उत्तर प्रदेश की गाज़ीपुर सीट से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार को मोहम्मदाबाद के तत्कालीन भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की मौत के मामले में मुकदमे का सामना करना पड़ रहा है. HC अब कल फैसला सुनाएगा. यदि अंसारी को दो साल से अधिक की सजा मिलती है, तो ऊपरी अदालतों से स्थगन आदेश मिलने तक ग़ाज़ीपुर सीट से उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी जाएगी.
वर्तमान कानूनों के अनुसार, जिन व्यक्तियों को दोषी ठहराया जाता है और दो साल या उससे अधिक की जेल की सजा सुनाई जाती है, वे रिहाई के बाद छह साल तक चुनाव लड़ने के लिए स्वचालित रूप से अयोग्य हो जाते हैं. इससे पहले एमपी-एमएलए कोर्ट ने अफजल को चार साल की सजा सुनाई थी और अब वह इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दे रहे हैं.
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अफजाल के ख़िलाफ़ गैंगस्टर केस
29 नवंबर, 2005 को यूपी के बसनिया में तत्कालीन भाजपा विधायक कृष्णानंद राय सहित सात लोगों की हत्या कर दी गई थी. हत्याकांड के बाद अंसारी बंधुओं को अन्य लोगों के साथ साजिश में फंसाया गया. हालांकि बाद में वो मामले में बरी कर दिए गए. इसी मामले को लेकर अफजाल और मुख्तार के खिलाफ साल 2007 में उनके खिलाफ गैंगस्टर का केस दर्ज किया. इस मामले में फैसला 29 अप्रैल 2023 को आया. अदालत ने अफजाल को चार साल और मुख्तार को दस साल जेल की सजा सुनाई, जिसके बाद संसदीय सदस्यता समाप्त कर दी गई.
SC ने संसदीय सदस्यता बहाल की
14 दिसंबर, 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने अफजाल की सज़ा को अनिश्चित काल के लिए निलंबित कर दिया और उसकी सदस्यता बहाल कर दी. हाई कोर्ट के आदेश पर जमानत पर रिहा हुए अफजाल ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर दलील दी कि चूंकि वह विधायक हत्याकांड में बरी हो चुका है, इसलिए गैंगस्टर के तहत निचली अदालत का फैसला अस्वीकार्य है.