Lok Sabha Election: पांचवें फेज में अमेठी-रायबरेली और लखनऊ में वोटिंग, दांव पर ईरानी-राहुल और राजनाथ सिंह की साख

Lok Sabha Election 2024: अमेठी में ईरानी का मुकाबला गांधी परिवार के लंबे समय के विश्वासपात्र केएल शर्मा से है, जो 1984 से अमेठी और रायबरेली में परिवार के चुनाव अभियानों का प्रबंधन करते आए हैं.
Lok Sabha Election 2024

राहुल गांधी, राजनाथ सिंह और स्मृति ईरानी

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में सोमवार, (20 मई) को उत्तर प्रदेश के महत्वपूर्ण 14 संसदीय सीटों पर वोटिंग जारी है. यूपी की इन 14 सीटों पर कुल 144 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं. जिनमें केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (अमेठी) और राजनाथ सिंह (लखनऊ), और कांग्रेस नेता राहुल गांधी (रायबरेली) जैसे दिग्गज शामिल हैं.

फैजाबाद लोकसभा सीट, जो राम मंदिर बनने के बाद सुर्खियों में आया है क्योंकि अयोध्या इसके अंतर्गत आता है, वहां भी चुनाव वोटिंग जारी है और भाजपा के लल्लू सिंह लगातार तीसरी बार इस निर्वाचन क्षेत्र से अपनी जीत बरकरार रखने का प्रयास कर रहे हैं. छठे चरण में मोहनलालगंज, बाराबंकी, कैसरगंज, हमीरपुर, बांदा, फ़तेहपुर, झांसी, जालौन, कौशांबी और गोंडा शामिल हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने इन 14 में से 13 सीटें जीत थी, केवल रायबरेली में हार मिली थी.

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कैसरगंज से मोदी और अमित शाह की दूरी

जिन निर्वाचन क्षेत्रों पर बारीकी से नजर रखी जाएगी उनमें कैसरगंज शामिल हैं, जहां भाजपा ने निवर्तमान सांसद बृजभूषण शरण सिंह को हटा दिया है, जिन पर यौन उत्पीड़न के आरोप है, और रायबरेली से कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपनी मां सोनिया गांधी के राज्य सभा जाने के बाद मैदान में हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री अमित शाह, जिन्होंने अयोध्या में बड़े पैमाने पर प्रचार किया, लेकिन कैसरगंज नहीं जाने का फैसला किया, जबकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 12 मई को निर्वाचन क्षेत्र के पयागपुर क्षेत्र में एक रैली को संबोधित किया था. हालांकि, तब बृज भूषण मौजूद नहीं थे. वहीं आदित्यनाथ के संबोधन में भी उनके नाम जिक्र सुनने को नहीं मिला.

भाजपा और विपक्षी दल दोनों ने राज्य में आक्रामक रूप से प्रचार किया, पीएम मोदी ने एक दिन में चार रैलियां कीं, जबकि राहुल और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने पांचवें चरण के लिए हर दिन कम से कम दो संयुक्त रैलियां कीं. इस बीच, ईरानी और राजनाथ के अलावा, तीन और केंद्रीय मंत्रियों – साध्वी निरंजन ज्योति (फतेहपुर), कौशल किशोर (मोहनलालगंज), और भानु प्रताप सिंह वर्मा (जालौन) के चुनावी भाग्य का फैसला पांचवें चरण में होना है.

नामांकन के बाद पीएम मोदी का अभियान तेज

14 मई को वाराणसी में अपना नामांकन दाखिल करने के बाद मोदी ने राज्य में अपना अभियान तेज कर दिया और तब से हमीरपुर, कौशांबी, फतेहपुर और बाराबंकी में रैलियों को संबोधित किया. विशेष रूप से, उन्होंने अमेठी और रायबरेली में चुनाव प्रचार नहीं किया, जहां शाह और आदित्यनाथ ने पार्टी के लिए किलेबंदी की थी. जहां यूपी के सीएम ने दो निर्वाचन क्षेत्रों में चार से अधिक रैलियों को संबोधित किया, वहीं शाह ने अमेठी में दो सार्वजनिक बैठकों और एक रोड शो में भाग लिया.

पिछले हफ्ते, रायबरेली में चुनाव प्रचार दोनों पक्षों – एनडीए और इंडिया ब्लॉक – के साथ अपने हजारों समर्थकों को इकट्ठा करने के साथ चरम पर पहुंच गया. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) की महासचिव प्रियंका गांधी शुरू में यह अटकलें थीं कि वह रायबरेली से चुनाव लड़ेंगी वह 6 मई से इस सीट पर बनी हुई हैं. राहुल ने भी तीन बार रायबरेली का दौरा किया, जिसमें दो बार सोनिया के साथ भी शामिल थे. वहीं शुक्रवार को उनके साथ अखिलेश भी थे.

अमेठी में ईरानी का मुकाबला गांधी परिवार के लंबे समय के विश्वासपात्र केएल शर्मा से है, जो 1984 से अमेठी और रायबरेली में परिवार के चुनाव अभियानों का प्रबंधन करते आए हैं.

फैजाबादा बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई

फैजाबाद में राम मंदिर उद्घाटन के बाद से भाजपा के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई बनकर उभरी है, लल्लू सिंह का मुकाबला सपा के नौ बार के विधायक अवधेश प्रसाद और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सच्चिदानंद पांडे से होगा. मोदी, शाह और आदित्यनाथ सहित भाजपा के शीर्ष नेताओं ने वहां प्रचार किया. लखनऊ में सभी भाजपा विधायक और पदाधिकारी राजनाथ के लिए समर्थन जुटा रहे हैं, जिनका मुकाबला सपा के लखनऊ पूर्व विधायक रविदास मेहरोत्रा ​​और बसपा के सरवर मलिक से होगा. 1991 से इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है, जब पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने पहली बार यहां से जीत हासिल की थी.

फ़तेहपुर में निरंजन ज्योति को वरिष्ठ सपा नेता नरेश उत्तम पटेल से कड़ी टक्कर मिलने की संभावना है. अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित कौशांबी और मोहनलालगंज सीटों पर भी सत्तारूढ़ दल को विपक्ष से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है.

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