MP News: प्रदेश में पुलिस कर्मियों को नहीं मिलेगा मोटरसाइकिल भत्ता, सरकार ने कहा- कोई प्रस्ताव विचारधीन नहीं

MP News: शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि मध्य प्रदेश के थानों में कार्यरत आरक्षक से लेकर उप निरीक्षक स्तर के कर्मचारियों को हर महीने 1635 रुपए पेट्रोल भत्ता मिलेगा.
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प्रतीकात्मक फोटो (सोशल मीडिया)

MP News: मध्य प्रदेश में पुलिसकर्मियों को फिलहाल साइकिल का ही भत्ता मिलेगा. सरकार ने कहा है कि कोई भी प्रस्ताव मोटरसाइकिल भत्ता दिए जाने का विचाराधीन नहीं है. केंद्र सरकार ने भले ही नए कानून बदल दिए हैं लेकिन पुलिस के लिए पुराने कानून ही लागू है. उन्हें 125 रुपए हर महीने साइकिल भत्ते के तौर पर दिए जाते हैं. प्रधान आरक्षक को 200 रुपए दिया जाता है.

इधर, पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में पुलिसकर्मियों को 500 रुपए मोटरसाइकिल भत्ता का दिया जाता है. विधानसभा में विधायक विपिन जैन ने सरकार से सवाल किया था कि पुलिस कर्मियों के लिए साप्ताहिक अवकाश लागू किए जाएंगे. इसके अलावा साप्ताहिक अवकाश दिए जाने के साथ वर्तमान ग्रेड पे पर 1900 से बढ़कर 2400 किए जाने और साइकिल भत्ता हटाकर मोटरसाइकिल भत्ता दिए जाने को लेकर क्या कार्रवाई चल रही है. सरकार ने विधानसभा में जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस विभाग के कार्यपालिका बल की सहायक उप निरीक्षक की ग्रेड पे 1900 से बढ़कर 24 किए जाने के संबंध में गृह विभाग द्वारा पुलिस मुख्यालय की तरफ से जानकारी आई है. इस संबंध में गृह विभाग में मध्य प्रदेश कर्मचारी आयोग को जानकारी दी है. वर्तमान में सभी पुलिस कर्मचारियों को मोटरसाइकिल भत्ता दिए जाने के संबंध में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है.

हर महीने 15 लीटर पेट्रोल का वादा भी अधूरा

मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पुलिस परिवार समागम में घोषणा की थी. शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि मध्य प्रदेश के थानों में कार्यरत आरक्षक से लेकर उप निरीक्षक स्तर के कर्मचारियों को हर महीने 1635 रुपए पेट्रोल भत्ता मिलेगा. इसके बाद गृह विभाग में आदेश भी जारी कर दिया लेकिन इस में कई नियम बना दिए. जिसकी वजह से 15 लीटर पेट्रोल पुलिस को लेना विभाग से महंगा पड़ रहा है. पुलिस कर्मियों का कहना है कि पेट्रोल डलवाने वाले बिल और थाना प्रभारी की सहमति के बाद ट्रेजरी में बिल लगाना होगा. बिल पास होने के बाद ही खाते में रकम ट्रांसफर होगी. अगर थाना प्रभारी ने सहमति नहीं दी या फिर ट्रेजरी ने बिल को सही नहीं माना तो भुगतान नहीं होगा. ऐसे में पुलिसकर्मी पेट्रोल भत्ता ही नहीं लेना चाहते. क्योंकि जटिल प्रक्रियाओं की वजह से दिक्कत होती है.

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हाईटेक और एडवांस पुलिस का दावा लेकिन व्यवस्था साइकिल के जमाने की

1 जुलाई से नया कानून शुरू हो गया है पुलिस को भी आधुनिकीकरण से जोड़ा जा रहा है लेकिन उनके लिए व्यवस्था साइकिल भत्ता की गई है. मध्य प्रदेश में पुलिस हाईटेक गैजेट और एडवांस टेक्नोलॉजी की मदद से नए कानून के तहत मामलों की जांच करेगी. पुलिस विभाग में चर्चा है कि जांच पड़ताल के लिए भी साइकिल से ही पुलिसकर्मियों को जाना पड़ेगा. क्योंकि सरकार मोटरसाइकिल का भत्ता नहीं देती है.

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