Delhi Election Result: 11 साल, 3 लोकसभा चुनाव और 2 विधानसभा चुनावों के बाद भी कांग्रेस दिल्ली में अपनी पहचान क्यों नहीं बना पाई? अगर इस सवाल का जवाब ढूंढें तो जो सबसे पहले खड़ा होता है, वह है कांग्रेस की ‘आदतन गलती’ और नितांत निर्णय न लेने की बीमारी. दिल्ली चुनाव 2025 में एक […]
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में अरविंद केजरीवाल की जीत के बाद उनका आत्मविश्वास सातवें आसमान पर था. वो सोचने लगे थे कि दिल्ली में अब उनकी पार्टी को कोई चुनौती नहीं दे सकता, क्योंकि कांग्रेस और बीजेपी दोनों को उन्होंने खारिज कर दिया था. लेकिन ये सोचते हुए वे भूल गए कि राजनीति में आराम करना, खतरनाक हो सकता है.
हृदयनाथ मंगेशकर का सपना छोटा सा था—किसी बड़े रेडियो स्टेशन में संगीतकार बनने का. 17 साल की उम्र में उन्हें ऑल इंडिया रेडियो में नौकरी मिल गई, और 500 रुपये मासिक वेतन उनके लिए किसी ख्वाब से कम नहीं था.
Apple ने इस टेक्नोलॉजी के लिए अब तक 95,000 से ज़्यादा पेटेंट दायर किए हैं, जिनमें से 78,104 अभी भी एक्टिव हैं. यानी यह Apple का बड़ा और दमदार कदम है.
Exit Polls: मतदान के बाद एग्जिट पोल्स ने दिल्ली की राजनीति को एक नया मोड़ दे दिया है. AAP लगातार चौथी बार सत्ता में वापसी की उम्मीदें लिए चुनावी मैदान में है, वहीं भारतीय जनता पार्टी दिल्ली की सत्ता पर काबिज होने के लिए 27 साल बाद एक बार फिर कोशिश करती नजर आ रही है. कांग्रेस भी इस त्रिकोणीय मुकाबले में अपनी खोई हुई साख को फिर से हासिल करने की जुगत में है.
मिल्कीपुर सीट पर वोटों का एक जटिल गणित काम कर रहा है. ब्राह्मणों के पास करीब 75,000 वोट, यादवों के पास 55,000 वोट, पासी बिरादरी के पास 63,000 वोट, मुस्लिमों के पास 30,000 वोट, और ठाकुरों के पास 22,000 वोट हैं.
सौरभ भारद्वाज ने रिपोर्टर्स से कहा, "यह केवल गरीब गांववालों को परेशान करने के लिए किया जा रहा है. मैं यहां रहता हूं, यहां मेरा वोट है, इसलिए यह बदमाशी की जा रही है. आप काम से जीतिए, ऐसी बदमाशी क्यों कर रहे हो?"
Maha Kumbh 2025: पीएम ने आस्था की डुबकी संगम नोज पर लगाई. जहां पर गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का मिलान होता है. पीएम ने डुबकी से पहले भगवान सूर्य को प्रणाम किया.
इस चुनावी घमासान में कई चर्चित चेहरे हैं, जो अपनी शिक्षा और अनुभव के आधार पर चुनावी मैदान में हैं. तो, क्यों न हम एक नज़र डालें उन नेताओं की शिक्षा पर, जिन्होंने दिल्ली के इस चुनावी माहौल में अपनी धाक जमाई है.
मतदान के दौरान दस्तावेज की फोटोकॉपी नहीं, बल्कि ओरिजिनल डॉक्यूमेंट ही साथ लेकर जाएं. अगर किसी को मतदान प्रक्रिया को लेकर कोई भी परेशानी हो, तो पोलिंग स्टेशन पर तैनात कर्मचारी से मदद ली जा सकती है.