परीक्षा में धांधली कराने वालों की अब खैर नहीं! बिहार विधानसभा से पास हुआ एंटी पेपर लीक बिल

बिल के मुताबिक, आरोपी को 10 साल तक की कैद और एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. इस कानून के तहत सभी अपराध संज्ञेय और गैर-जमानती होंगे.
Nitish Kumar

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

Bihar Paper Leak Law: पेपर लीक और धांधली पर अंकुश लगाने के लिए नीतीश कुमार सरकार ने बुधवार को विधानसभा में बिहार सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक 2024 पेश किया, जो सदन से पास हो गया है.  इस कानून में दोषियों के लिए तीन से दस साल की कैद और जुर्माने का प्रावधान किया गया है. इसमें प्रावधान किया गया है कि पेपर लीक या इससे जुड़ी किसी भी गतिविधि में शामिल लोग इस कानून के तहत दोषी होंगे.

10 साल की सजा और 1 करोड़ रुपये का जुर्माने का प्रावधान

बिल के मुताबिक, आरोपी को 10 साल तक की कैद और एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. इस कानून के तहत सभी अपराध संज्ञेय और गैर-जमानती होंगे. बिहार के मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा, “बिहार सरकार ने पेपर लीक के खिलाफ सख्त कानून बनाया है. इस कानून से अभ्यर्थियों और छात्रों का भविष्य सुरक्षित होगा. कानून में अपराधियों के लिए 10 साल की कैद और कम से कम एक करोड़ रुपये के जुर्माने का प्रस्ताव है.”

नीट मामले में हुई है कई गिरफ्तारी

नीट यूजी पेपर लीक मामले में सीबीआई ने नीट-यूजी पेपर लीक मामले में एम्स पटना के चार एमबीबीएस छात्रों को गिरफ्तार किया है. अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने हजारीबाग में एनटीए के ट्रंक से नीट-यूजी का पेपर चुराने के आरोप में जमशेदपुर स्थित राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के 2017 बैच के सिविल इंजीनियर पंकज कुमार उर्फ ​​आदित्य को भी गिरफ्तार किया है. उन्होंने बताया कि बोकारो निवासी कुमार को पटना से गिरफ्तार किया गया. उन्होंने बताया कि एजेंसी ने सिंह को भी हजारीबाग से गिरफ्तार किया है, जिस पर कथित तौर पर कुमार को पेपर चुराने में मदद करने का आरोप है.

यह भी पढ़ें: Nepal: नेपाल के त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर प्लेन क्रैश, हादसे में 18 लोगों की हुई मौत

पेपर लीक मामले में कई FIR दर्ज

मेडिकल प्रवेश परीक्षा में कथित अनियमितताओं की जांच कर रही सीबीआई ने छह प्राथमिकी दर्ज की हैं. बिहार की प्राथमिकी पेपर लीक से संबंधित है, जबकि गुजरात,राजस्थान और महाराष्ट्र की शेष प्राथमिकी उम्मीदवारों के प्रतिरूपण और धोखाधड़ी से संबंधित हैं. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के संदर्भ पर एजेंसी की अपनी प्राथमिकी नीट-यूजी 2024 में कथित अनियमितताओं की ‘व्यापक जांच’से संबंधित है. नीट-यूजी परीक्षा आयोजित एनटीए कराती है. इससे एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए किया जाता है. इस साल यह परीक्षा 5 मई को 571 शहरों में 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी, जिसमें 14 विदेशी शहर भी शामिल थे. इस परीक्षा में 23 लाख से ज़्यादा उम्मीदवार शामिल हुए थे.

 

ज़रूर पढ़ें