Chhattisgarh: स्वास्थ्य सुविधाओं पर हाई कोर्ट गंभीर, अंबिकापुर में फर्श पर जन्मे बच्चे को लेकर स्वास्थ्य सचिव से मांगा का हलफनामा
Chhattisgarh News: अंबिकापुर में एक स्वास्थ्य केंद्र में फर्श पर महिला द्वारा बच्चे को जन्म देने के मामले में स्व संज्ञान पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव से हलफनामे पर जवाब तलब किया है. सचिव को इस बारे में पूरी जानकारी अदालत को देनी होगी.
फर्श पर बच्चे को जन्म देने के मामले में हाई कोर्ट गंभीर
“अंबिकापुर के सीएचसी में महिला ने फर्श पर बच्चे को जन्म दिया” शीर्षक के साथ आज प्रकाशित इस रिपोर्ट में कहा गया है कि, एक 25 वर्षीय गर्भवती महिला ने 8 जून 2024 को सरगुजा जिले (अंबिकापुर) के नवानगर उप स्वास्थ्य केंद्र में फर्श पर अपने बच्चे को डॉक्टर या नर्स की अनुपस्थिति में जन्म दिया. प्रसव पीड़ा होने पर उक्त महिला मितानिन (सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता) के साथ उप स्वास्थ्य केंद्र पहुंची, लेकिन वहां न तो कोई डॉक्टर और न ही कोई नर्स मौजूद थी और महिला को उप स्वास्थ्य केंद्र के फर्श पर ही बच्चे को जन्म देना पड़ा. परिवार के सदस्यों ने मेडिकल स्टाफ से संपर्क करने की कोशिश कि लेकिन कोई जवाब नहीं मिला और मितानिन ने बच्चे को जन्म देने में मदद की, यहां तक कि प्रसव के बाद की देखभाल भी गांव की पारंपरिक दाई द्वारा की गई थी, क्योंकि उक्त स्वास्थ्य केंद्र पर केवल एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी उपलब्ध था. रिपोर्ट में बतया गया कि यह पहला अवसर नहीं था जब ऐसी घटना हुई.
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यह बहुत ही खेदजनक स्थिति है – हाई कोर्ट
हाईकोर्ट ने कहा कि यदि उपरोक्त स्थिति उप स्वास्थ्य केंद्र, नवानगर, अम्बिकापुर की है, तो यह बहुत ही खेदजनक स्थिति है. जब राज्य सरकार राज्य के दूरदराज के इलाकों में रहने वाली जनता को चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने के लिए भारी मात्रा में धन खर्च कर रही है, और स्वास्थ्य केंद्रों के मामलों का प्रबंधन करने के लिए जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारी स्वयं अनुपस्थित नहीं हैं जब उनकी सबसे अधिक आवश्यकता हो तो राज्य को कुछ कड़े कदम उठाने चाहिये. वीडियो प्रसारित करने से रोकें. सुनवाई के बाद डीबी ने सचिव, स्वास्थ्य और समाज कल्याण विभाग, रायपुर को निर्देश दिया है कि, वे घटना के संबंध में उठाए गए कदमों के संबंध में अपना व्यक्तिगत हलफनामा दायर करें और आगे सुनिश्चित करें जो वीडियो इस घटना का ऑनलाइन वायरल किया गया है, उसे आगे प्रसारित करने से भी तत्काल रोका जाए. शासन के अनुसार संबंधित अधिकारी को पहले ही निलंबित कर दिया गया है.