दिल्ली में खत्म हो सकता है BJP का 28 सालों का वनवास, इस सर्वे ने बढ़ाई पार्टी की उम्मीदें, इतना बढ़ सकता है वोट प्रतिशत

Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली के पड़ोसी राज्य हरियाणा में मिली जीत से उत्साहित बीजेपी का ध्यान इस वक्त महाराष्ट्र और झारखंड में भले हो लेकिन दिल्ली विधानसभा चुनाव जीतने की रणनीति पर अमल अभी से शुरू हो गया है.
Delhi Assembly Election 2025

प्रतीकात्मक तस्वीर

Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल अगले साल फरवरी में खत्म हा रहा है. ऐसे में जनवरी के अंत में विधानसभा चुनाव कराए जाने की उम्मीद है. इसी हफ्ते कोर ग्रुप के साथ चुनाव प्रबंध समिति और उम्मीदवार चयन समिति भी गठित हो सकती है. इससे पहले एक सर्वे दिखाता है कि बीजेपी का 28 साल का वनवास खत्म हो सकता है. सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी के हालिया अंदरूनी सर्वे के बाद 2013 के बाद पहली बार लग रहा है कि वो दिल्ली में सरकार बनाने की स्थिति में आ जाएगी.

दरअसल, बीते दिनों पार्टी के अंदरूनी सर्वे में आगामी विधान सभा चुनाव में 43.4 फीसदी वोट मिलने की संभावना के बाद बीजेपी ने इसको 46 फीसदी तक ले जाने का टारगेट रखा है. ऐसे में महाराष्ट्र और झारखंड चुनाव नतीजों के बाद दिल्ली पर फोकस बढ़ेगा.

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20 नवंबर के बाद दिल्ली पर RSS का पूरा फोकस

दिल्ली के पड़ोसी राज्य हरियाणा में मिली जीत से उत्साहित बीजेपी का ध्यान इस वक्त महाराष्ट्र और झारखंड में भले हो लेकिन दिल्ली विधानसभा चुनाव जीतने की रणनीति पर अमल अभी से शुरू हो गया है. लगातार तीन बार लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करने वाली भारतीय जनता पार्टी विधानसभा चुनाव में जिन वजहों से पीछे जाती है, उन पर अभी से ही पार्टी का फोकस है. इसके लिए आरएसएस के पदाधिकारियों ने हरियाणा की तर्ज पर पूरी ताकत लगा दी है और कार्यकर्ता हर बूथ पर 5 लोगों से मुलाकात कर रहे हैं. बीजेपी सूत्रों ने बताया कि महाराष्ट्र और झारखंड में 20 नवंबर को मतदान के बाद संघ का पूरा फोकस दिल्ली पर होगा.

दो पूर्व सांसदों को चुनाव में उतार सकती है बीजेपी

पार्टी के लोग बताते हैं कि पूर्व सांसद प्रवेश वर्मा और रमेश विधूड़ी को आम चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिल पाया, लिहाजा दोनो पूर्व सांसदों को विधानसभा चुनाव लड़ने का मौका दिया जा सकता है. दिल्ली नगर निगम से आधा दर्जन सीनियर पार्षद भी चुनाव लड़ सकते हैं. हालांकि, बीते दिनों कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली के साथ तीन बड़े नेताओं ने बीजेपी का दामन थामा था. तब से उन इलाकों के मौजूदा विधायक असहज हैं कि टिकट मिलेगा या नहीं.

पार्टी सूत्रों ने बताया कि जेडीयू और एलजेपी को संगम विहार, बुराड़ी, सीमापुरी सहित कुछ मुस्लिम बहुल सीटें दी जा सकती हैं. पार्टी ने सहयोगी दलों को तीन से पांच सीटें देने का मन बनाया है.

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