Delhi Water Crisis: पानी पर राजनीति, आतिशी ने हरियाणा सरकार पर लगाया झूठ बोलने का आरोप

आतिशी मार्लेना ने कहा कि हरियाणा छोड़े गए पानी के बारे में झूठ बोल रहा है. हरियाणा सरकार के आंकड़े बताते हैं कि 1 मई से 22 मई तक उन्होंने CLC (कैरियर लाइन चैनल) के लिए 719 क्यूसेक और DSB (दिल्ली सब-ब्रांच) में 330 क्यूसेक पानी छोड़ा है.
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दिल्ली कैबिनेट मंत्री आतिशी

Delhi Water Crisis: भीषण गर्मी की वजह से दिल्ली में पानी की किल्लत हो गई है. राजधानी में पानी की किल्लत के बीच दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी से बात की है. सक्सेना ने कहा कि सैनी ने मौसम के कारण पानी की आपूर्ति के मामले में हरियाणा पर लगाए गए प्रतिबंधों के बावजूद उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया है.

आतिशी ने लगाया आरोप

वहीं आम आदमी पार्टी की नेत्री आतिशी मार्लेना ने कहा कि हरियाणा छोड़े गए पानी के बारे में झूठ बोल रहा है. हरियाणा सरकार के आंकड़े बताते हैं कि 1 मई से 22 मई तक उन्होंने CLC (कैरियर लाइन चैनल) के लिए 719 क्यूसेक और DSB (दिल्ली सब-ब्रांच) में 330 क्यूसेक पानी छोड़ा है, जैसा कि सुप्रीम कोर्ट में पेश किए गए हलफनामे में बताया गया है. 1 मई से 22 मई तक कुल 1049 क्यूसेक पानी छोड़ा गया. लेकिन, 23 मई से आपूर्ति में गिरावट शुरू हो गई, यह 719 क्यूसेक और 309 क्यूसेक से घटकर 675 क्यूसेक और 283 क्यूसेक हो गई.”

सैनी ने आरोपों से किया इनकार

दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने हरियाणा के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि उनकी राज्य सरकार मुनक नहर से पानी की अपर्याप्त रिहाई कर रही है, जिस पर दिल्ली के सात जल उपचार संयंत्र पीने योग्य पानी के उत्पादन के लिए निर्भर हैं. बाद में पत्रकारों से बात करते हुए हरियाणा के सीएम सैनी ने इन आरोपों से इनकार किया.

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वीरेंद्र सचदेवा ने साधा निशाना

इस बीच दिल्ली में जारी जल संकट के बीच दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने एक बार फिर दिल्ली सरकार पर हमला बोला है. और आरोप लगाया है कि दिल्ली में जल संकट के लिए दिल्ली सरकार ही जम्मेदार है. दिल्ली सरकार के संरक्षण में पानी की चोरी हो रही है. जल संकट के लिए दिल्ली जल बोर्ड, उसके अधिकारी, चेयरमैन और दिल्ली सरकार जिम्मेदार हैं.

उन्होंने कहा कि  फिलहाल दिल्ली एक बूंद के लिए संघर्ष कर रही है. कुछ महीनों में दिल्ली बाढ़ से जूझेगी क्योंकि उन्होंने नालों की सफाई नहीं की है.” उन्होंने कहा, जो जल बोर्ड कभी मुनाफे में होता था वो आज 80 हजार करोड़ के घाटे में क्यों जूझ रहा है. इसका बहुत बड़ा कारण मैनेजमेंट है कि कैसे दिल्ली को लूटा जाए और कैसे अपनी जेबें भरी जाएं.

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