Rajasthan: झालावाड़ में बड़ा हादसा, स्कूल की छत गिरने से 7 बच्चों की मौत, रेस्क्यू जारी

Rajasthan: राजस्थान के झालावाड़ जिले में बड़ा हादसा हो गया है. यहां सुबह-सुबह एक प्राइमरी स्कूल की छत गिर गई. मलबे में दबने से 7 बच्चों की मौत हो गई है. बाकी छात्रों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है.
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झालावाड़ में गिरी प्राइमरी स्कूल की छत

Rajasthan: राजस्थान के झालावाड़ जिले में शुक्रवार सुबह-सुबह बड़ा हादसा हो गया है. यहां एक प्राइमरी स्कूल की छत अचनाक भरभराकर गिर गई. यह हादसा तब हुआ जब स्कूल में बच्चे भी मौजूद थे. छत गिरने से मलबे में दबे 7 बच्चों की मौत हो गई है, जबकि 30 से ज्यादा बच्चे घायल हैं. घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर प्रशासन और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची. बच्चों को मलबे से बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है.

झालावाड़ में गिरी प्राइमरी स्कूल की छत

घटना झालावाड़ जिले के पिपलोदी गांव की है. यहां 25 जुलाई की सुबह एक सरकारी प्राइमरी स्कूल की छत अचानक भरभराकर ढह गई. यह हादसा तब हुआ जब स्कूल में बड़ी संख्या में बच्चे मौजूद थे. अब तक सामने आई जानकारी के मुताबिक मलबे में दबने की वजह से 7 छात्रों की मौत हो गई है, जबकि 30 से ज्यादा घायल हैं. इनमें से 11 बच्चों की हालत गंभीर है. घटनास्थल पर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. घायलों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है.

प्रार्थना सभा के दौरान हुआ हादसा

जानकारी के मुताबिक घटना उस समय हुई जब स्कूल में सुबह की प्रार्थना सभा चल रही थी. तभी अचानक इमारत की छत भरभराकर गिर गई. कई छात्र मलबे में दब गए. हादसे के बाद आसपास के ग्रामीण तुरंत मौके पर पहुंचे और बच्चों को निकालने की कोशिश की.

मलबा हटाने में जुटी JCB मशीनें

हादसे की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने JCB मशीनों की मदद से मलबा हटाने का काम शुरू कर दिया है. अभी भी कई बच्चों के मलबे में फंसे होने की आशंका है. बचाव कार्य जारी है.

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घायल बच्चों का इलाज जारी

मलबे से निकाले गए घायल बच्चों को मनोहरथाना के अस्पताल में भर्ती कराया गया है. स्थानीय डॉक्टरों की टीम बच्चों को प्राथमिक उपचार दे रही है. कुछ गंभीर रूप से घायल बच्चों को मनोहरथाना के सरकारी अस्पताल से झालावाड़ जिला अस्पताल रेफर किया गया है.

प्रशासनिक अधिकारी स्थिति पर रख रहे नजर

स्थानीय प्रशासन और पुलिस अधिकारी मौके पर मौजूद हैं. शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन के बीच समन्वय स्थापित कर हादसे की जांच शुरू की गई है ताकि लापरवाही के कारणों का पता लगाया जा सके. ग्रामीणों की मदद से बचाव कार्य को तेज किया जा रहा है.

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