Stray Dogs: दिल्ली में आवारा कुत्तों को लेकर बड़ा फैसला, 10 लाख डॉग्स को लगाई जाएगी चिप

Stray Dogs: दिल्ली एनिमल वेलफेयर बोर्ड की बैठक आयोजित की, जिसकी अध्यक्षता विकास मंत्री कपिल मिश्रा ने की. बैठक में राष्ट्रीय रेबीज नियंत्रण कार्यक्रम पर विशेष चर्चा हुई.
stray dogs

दिल्ली में आवारा कुत्तों पर लगेगा चिप

Stray Dogs: दिल्ली सरकार ने आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या और डॉग बाइट व रेबीज के मामलों को नियंत्रित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. दिल्ली एनिमल वेलफेयर बोर्ड की बैठक में अगले दो वर्षों में करीब 10 लाख स्ट्रीट डॉग्स को माइक्रोचिप लगाने का निर्णय लिया गया. यह योजना संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) के सहयोग से लागू की जाएगी, जिससे कुत्तों की सटीक गिनती, स्वास्थ्य निगरानी और बीमारी नियंत्रण संभव हो सकेगा. सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के बाद यह एक्शन प्लान और भी प्रासंगिक हो गया है, जो आवारा कुत्तों को शेल्टर में स्थानांतरित करने पर जोर देता है.

बैठक का में लिए गए प्रमुख निर्णय

दिल्ली सचिवालय में मंगलवार को दिल्ली एनिमल वेलफेयर बोर्ड की बैठक आयोजित की, जिसकी अध्यक्षता विकास मंत्री कपिल मिश्रा ने की. बैठक में राष्ट्रीय रेबीज नियंत्रण कार्यक्रम पर विशेष चर्चा हुई. विश्व रेबीज दिवस (28 सितंबर) को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने स्टेट एक्शन प्लान तैयार करने का फैसला किया.

इस बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए. जिसमें मुख्य निर्णयों में शामिल है- करीब 10 लाख आवारा कुत्तों को माइक्रोचिप लगाना, जो कुत्तों की आबादी प्रबंधन और निगरानी के लिए क्रांतिकारी कदम साबित होगा. मिश्रा ने कहा- ‘इससे न केवल कुत्तों की सटीक गिनती होगी, बल्कि उनकी सेहत और स्थान का ट्रैकिंग भी आसान हो जाएगा.’ बैठक में पालतू कुत्तों का अनिवार्य रजिस्ट्रेशन और सभी पेट शॉप्स का पंजीकरण भी तय किया गया.

माइक्रोचिपिंग का उद्देश्य और लाभ

माइक्रोचिपिंग योजना UNDP के सहयोग से अगले दो वर्षों में पूरी की जाएगी. प्रत्येक चिप कुत्तों के कान या गले में लगाई जाएगी, जो रेडियो फ्रीक्वेंसी से काम करेगी. इससे डॉग सेंसस, टीकाकरण की डिजिटल ट्रैकिंग और डॉग बाइट मामलों की रोकथाम संभव होगी. मंत्री कपिल मिश्रा ने बताया- ‘रेबीज जैसी घातक बीमारी पर काबू पाने के लिए यह आवश्यक है. दिल्ली में हर साल हजारों डॉग बाइट केस दर्ज होते हैं, जो 2025 में 143% बढ़ चुके हैं.’ इसके अलावा, हर जिले में एनिमल वेलफेयर कमेटी गठित की जाएगी, जो स्थानीय स्तर पर निगरानी करेगी. गौशालाओं की क्षमता बढ़ाने और फीडिंग गाइडलाइंस बनाने पर भी जोर दिया गया.

यह भी पढ़ें: “उप-राष्ट्रपति चुनाव में हर वोट 20 करोड़ में बिका”, TMC ने लगाए BJP पर गंभीर आरोप

सुप्रीम कोर्ट के फैसले का प्रभाव

यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट के 11 अगस्त के फैसले से प्रेरित है, जिसमें दिल्ली-NCR से सभी आवारा कुत्तों को 8 सप्ताह में शेल्टर होम में स्थानांतरित करने का आदेश दिया गया था. कोर्ट ने नसबंदी, टीकाकरण और शेल्टर निर्माण पर सख्ती बरतने को कहा. हालांकि, डॉग लवर्स ने इसका विरोध किया, जिसके चलते दिल्ली पुलिस ने चार FIR दर्ज कीं. MCD के अधिकारियों के मुताबिक, 10 लाख कुत्तों के लिए शेल्टर बनाना चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि वर्तमान में केवल 20 पशु नियंत्रण केंद्र हैं, जो 5,000 कुत्तों को ही समाहित कर सकते हैं. दैनिक रखरखाव पर 11 करोड़ रुपये का खर्च अनुमानित है. मेनका गांधी ने भी नसबंदी केंद्रों को आधुनिक बनाने का सुझाव दिया है.

ज़रूर पढ़ें