पानी की बौछार और सियासी तकरार…हिरासत में लिए गए पटना में ‘पदयात्रा’ कर रहे कन्हैया कुमार

कांग्रेस ने बिहार में बेरोजगारी और पलायन जैसे मुद्दों को लेकर नीतीश सरकार को घेरने के लिए यह पदयात्रा शुरू की थी. 16 मार्च को पश्चिम चंपारण के भितिहरवा आश्रम से शुरू हुआ यह सियासी सफर बिहार के तमाम जिलों से गुजरता हुआ पटना पहुंचा. प्लान था कि कार्यकर्ता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास का घेराव करेंगे, लेकिन डाकबंगला चौराहे पर पुलिस ने उन्हें रोक दिया. बस, यहीं से शुरू हुआ हंगामा.
Kanhaiya Kumar

कांग्रेस के फायरब्रांड नेता कन्हैया कुमार

Bihar Politics: बिहार की राजधानी पटना में शुक्रवार को सियासी ड्रामा उस वक्त चरम पर पहुंच गया, जब कांग्रेस की ‘पलायन रोको, नौकरी दो’ पदयात्रा के समापन के दौरान डाकबंगला चौराहे पर कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच जमकर नोकझोंक हुई. हालात बेकाबू होते देख पटना पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल किया और कांग्रेस के फायरब्रांड नेता कन्हैया कुमार को हिरासत में ले लिया.

क्या है माजरा?

कांग्रेस ने बिहार में बेरोजगारी और पलायन जैसे मुद्दों को लेकर नीतीश सरकार को घेरने के लिए यह पदयात्रा शुरू की थी. 16 मार्च को पश्चिम चंपारण के भितिहरवा आश्रम से शुरू हुआ यह सियासी सफर बिहार के तमाम जिलों से गुजरता हुआ पटना पहुंचा. प्लान था कि कार्यकर्ता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास का घेराव करेंगे, लेकिन डाकबंगला चौराहे पर पुलिस ने उन्हें रोक दिया. बस, यहीं से शुरू हुआ हंगामा.

कांग्रेस कार्यकर्ता प्रतिबंधित इलाके में घुसने की कोशिश में जुट गए, जिसके जवाब में पुलिस ने पहले समझाने की कोशिश की. लेकिन जब बात नहीं बनी, तो वाटर कैनन से पानी की बौछार शुरू कर दी. सड़क पर पानी, नारेबाजी और सियासी तनाव का माहौल बन गया. इस बीच, कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार को पुलिस ने पकड़कर वैन में बिठाया और थाने ले गई.

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“पानी बर्बाद मत करो”-कन्हैया ने कसा तंज

हिरासत में ले जाए जाने के दौरान कन्हैया ने पुलिस पर जमकर तंज कसे. उन्होंने कहा, “या तो हमें नीतीश जी से मिलवाओ, या जेल ले जाओ.” कन्हैया यहीं नहीं रुके, उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, “पुलिस ने जो पानी हम पर फेंका, उसे बर्बाद करने की बजाय नल-जल योजना से घरों तक पहुंचाया होता तो ज्यादा अच्छा था.”

क्यों शुरू हुई थी पदयात्रा?

कांग्रेस की यह पदयात्रा बिहार के युवाओं के लिए रोजगार और पलायन रोकने की मांग को लेकर थी. पार्टी का कहना है कि नीतीश सरकार बेरोजगारी पर काबू पाने में नाकाम रही है, जिसके चलते बिहार के नौजवान दूसरे राज्यों में पलायन करने को मजबूर हैं. इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस ने पूरे बिहार में माहौल बनाने की कोशिश की. खास बात यह है कि इस यात्रा में कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी बेगूसराय में शामिल हुए थे, जिसने इसे और सुर्खियां दिलाई थीं.

सड़क पर सियासत!

पुलिस ने वाटर कैनन के बाद कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया और बसों में भरकर थाने ले गई. लेकिन कांग्रेस कार्यकर्ता डटे रहे और डाकबंगला चौराहे पर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे. इस घटना ने बिहार की सियासत में एक नया रंग भर दिया है. अब सवाल यह है कि क्या यह पदयात्रा कांग्रेस को बिहार में नई ताकत देगी, या यह हंगामा सिर्फ एक दिन की सुर्खी बनकर रह जाएगा? फिलहाल, पटना की सड़कों पर पानी सूख चुका है, लेकिन सियासी ‘जंग’ अभी भी जारी है.

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