‘मैं ये मौका इस्तेमाल करके स्टेटहुड नहीं मांग सकता’, विधानसभा में भावुक हुए CM अब्दुल्ला बोले- ‘ये मेरी जिम्मेदारी थी कि उन्हें सही सलामत वापस भेजूं’
जम्मू-कश्मीर विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान बोलते हुए उमर अब्दुल्ला
Omar Abdullah Speech: पहलगाम में आतंकी अटैक को लेकर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने विधानसभा में भावुक नजर आए. सोमवार को पहलगाम अटैक में मारे गए पर्यटकों को श्रद्धांजलि दी गई. इस मौके पर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘मेजबान होने के नाते पर्यटकों की सुरक्षा करना मेरी जिम्मेदारी थी. मैं इस मौके का इस्तेमाल राज्य का दर्जा मांगने के लिए नहीं करूंगा. पहलगाम के बाद मैं किस मुंह से जम्मू-कश्मीर के लिए राज्य का दर्जा मांग सकता हूं? मेरी क्या इतनी सस्ती सियासत है? हमने पहले भी राज्य के दर्जे की बात की है और भविष्य में भी करेंगे. लेकिन अगर मैं केंद्र सरकार से कहूं कि 26 लोग मर चुके हैं, अब मुझे राज्य का दर्जा दे दो, तो यह मेरे लिए शर्मनाक होगा.’
‘नेवी अफसर की विधवा को मैं क्या जवाब दूं’
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में उमर अब्दुल्ला भावुक नजर आए. उन्होंने कहा, ‘मैं उन बच्चों से क्या कहता, जिन्होंने अपने वालिद को खून में लिपटा हुआ देखा. उस नेवी अफसर की विधवा को, क्या कहूं, जिन्हें शादी हुए ही चंद दिन हुए थे. कुछ लोगों ने कहा कि हम पहली बार कश्मीर छुट्टी मनाने के लिए आए थे. इस छुट्टी का जिंदगी भर खामियाजा भुगतना पड़ेगा.’
‘पहली बार कश्मीर के लोग एकजुट’
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर की विधानसभा में कहा कि कोई कश्मीरी आतंकी हमले के साथ नहीं है. ऐसा पहली बार है जब कश्मीर के सभी लोग एकजुट हैं. उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं पता मैं मृतकों के परिजनों से किस मुंह से माफी मांगू. मेरे पास माफी मांगने के लिए शब्द नहीं हैं. ये 21 साल में यहां सबसे बड़ा सिविलियन हमला है.