PM मोदी की ट्रंप से बातचीत पर जयराम रमेश ने ऐसा क्या बोल दिया जो बाद में मांगनी पड़ी माफी?
जयराम रमेश
Jairam Ramesh on PM Modi-Trump Talk: पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) से टेलीफोन पर करीब 35 मिनट तक बात की. इस बातचीत की जानकारी विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने दी, लेकिन इस पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सवाल खड़े कर दिए. हालांकि, इस दौरान जयराम रमेश ने ऐसा कुछ कह दिया, जिसको लेकर उन्हें कुछ देर बाद ही माफी मांगनी पड़ी.
दरअसल, पीएम मोदी ने फोन पर बात करते हुए ट्रंप से भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर को लेकर स्थिति स्पष्ट की. पीएम मोदी ने साफ किया कि भारत-पाक सीजफायर के संबंध में व्यापार से जुड़े किसी विषय पर चर्चा नहीं हुई थी. पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को कभी स्वीकार नहीं किया और भविष्य में भी नहीं करेगा. विदेश सचिव ने जैसे ही पीएम मोदी की बातचीत की जानकारी दी, जयराम रमेश ने तुरंत निशाना साधना शुरू कर दिया.
जयराम रमेश ने बातचीत पर उठाए सवाल
जयराम रमेश ने कहा, “आज फील्ड मार्शल असीम मुनीर को व्हाइट हाउस से अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ भोजन करने का निमंत्रण मिला है. असीम मुनीर ने जो भड़काऊ बात कही थी, उसका संबंध सीधा पहलगाम में हुए आतंकी हमले से था.” कांग्रेस नेता ने कहा, “मैं समझता हूं कि व्हाइट हाउस में ऐसे व्यक्ति को भोजन के लिए आमंत्रित करना हमारी कूटनीति और प्रधानमंत्री मोदी के लिए एक बहुत बड़ा झटका है.” जयराम रमेश ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 14 बार यह दावा किया है कि उनकी मध्यस्थता के कारण ऑपरेशन सिंदूर रुकवाया गया था.
उन्होंने कहा, “आज विदेश सचिव ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच 35 मिनट तक फोन पर बात हुई. प्रधानमंत्री मोदी को एक सर्वदलीय बैठक रखकर इस बातचीत से विपक्ष के नेताओं को अवगत कराना चाहिए. वे (पीएम मोदी) संवाद से क्यों भाग रहे हैं? आप सर्वदलीय बैठक में कहिए कि अमेरिका के राष्ट्रपति से क्या बात हुई?”
भाजपा ने किया कांग्रेस पर पलटवार
पीएम मोदी और ट्रंप की बातचीत पर जयराम रमेश ने कैमरे के सामने एक प्रेस नोट का जिक्र किया और कहा कि विदेश सचिव कुछ और बता रहे हैं लेकिन ट्रंप के बयान में कुछ और दिखाई दे रहा है. जयराम रमेश के इस बयान पर भाजपा ने तुरंत निशाना साधना शुरू कर दिया.
भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने जयराम रमेश के बयान पर कहा, “जयराम रमेश भारत की राजनीति के पिनोकियो हैं. कांग्रेस पार्टी झूठ की जननी है और उसके सबसे बड़े झूठ के सप्लायर जयराम रमेश हैं. अब तो वे डिजिटल फ्रॉड करने लगे हैं.”
ये भी पढ़ें: ‘थोपी गई जंग में न सरेंडर करेंगे न शांति स्वीकार…’,ट्रंप की धमकी पर बोले खामेनेई- US के दखल से बढ़ेगा नुकसान
पूनावाला ने कहा, “जब विक्रम मिस्री के बयान पर वे बात कर रहे थे तब बता रहे थे कि व्हाइट हाउस ने डोनाल्ड ट्रम्प की बातों पर एक प्रेस नोट जारी किया है और जो बातें बताई जा रही है उसमें बहुत अंतर है और जो स्क्रीनशॉट उन्होंने प्रेस नोट का बताया, वह आज की नहीं बल्कि 27 जनवरी की है क्योंकि अब तक व्हाइट हाउस की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया. सोचिए कांग्रेस किस स्तर पर पहुंच गई है… अब मोदी विरोध में कांग्रेस डिजिटल फ्रॉड कर रही है, कांग्रेस को इसपर बताना चाहिए.”
जयराम रमेश ने मांगी माफी
इसी तरह, बीजेपी आईटी सेल हेड अमित मालवीय ने भी जयराम रमेश पर हमला बोला तो कांग्रेस नेता को अपने बयान के लिए माफी मांगनी पड़ी. अपने बयान पर माफी मांगते हुए जयराम रमेश ने कहा, “मैं नॉन बायलॉजिकल नहीं हूं. मुझसे एक गलती हुई और मैंने उसे तुरंत सुधारा है. कृप्या मेरे इस वक्तव्य का संज्ञान लें.”
I never claimed to be non-biological. An inadvertent error was made and immediately rectified. Here is my rectified statement.
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) June 18, 2025
मैं तो Non biological नहीं हूँ. मुझसे एक गलती हुई, और मैंने उसको तुरंत सुधारा
कृपया मेरे इस वक्तव्य का संज्ञान लें https://t.co/zCq3Za0xib
ट्रंप के दावों का हवाला देकर बीजेपी को घेरती रही है कांग्रेस
दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप बार-बार यह दावा करते रहे हैं कि भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराने में उनकी बड़ी भूमिका रही है. ट्रंप ये भी कहते रहे हैं कि ट्रेड डील का हवाला देकर उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराया था. ट्रंप के बयान को कई बार भारत की तरफ से खारिज किया जा चुका है लेकिन कांग्रेस पार्टी इसको लेकर लगातार मोदी सरकार पर निशाना साध रही है.
अब जबकि पीएम मोदी और ट्रंप के बीच बातचीत की जानकारी भी सामने आ चुकी है, इसके बावजूद जयराम रमेश ने एक बार फिर इस बातचीत पर सवाल उठाया, लेकिन जिस व्हाइट हाउस के जिस प्रेस नोट का जिक्र उन्होंने किया था, वह जनवरी, 2025 का था और यह गलती जयराम रमेश को भारी पड़ गई, जिसके कारण उन्हें माफी मांगनी पड़ी.