अधजले नोट मामले में जस्टिस यशवंत वर्मा के ट्रांसफर का हो रहा था विरोध, अब केंद्र सरकार ने लिया बड़ा फैसला
जस्टिस यशवंत वर्मा
Justice Yashwant Verma: केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश को स्वीकार करते हुए जस्टिस यशवंत वर्मा का ट्रांसफर इलाहाबाद हाई कोर्ट करने का फैसला लिया है. पिछले दिनों जस्टिस वर्मा पर गंभीर आरोप लगे थे. उनके सरकारी आवास में 14 मार्च को लगी आग के बाद वहां से भारी मात्रा में कैश की गड्डियां बरामद हुई थीं. जैसे ही यह मामला सामने आया, इसके बाद उनकी कार्यशैली पर सवाल उठने लगे थे, लेकिन अब उनकी नई जिम्मेदारी का ऐलान कर दिया गया है.
कैश कांड और जांच की शुरूआत
बता दें कि होली के दिन जज के आवास पर आग लगने की खबर आई. मौके पर दमकल की कई गाड़ियां भेजी गईं. इस दौरान आग बुझाने वाली टीम ने जस्टिस के स्टोर रूम में नोटों की गड्डियां देखीं, जो आग की चपेट में आकर जल गई थीं.
इसके बाद भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने जस्टिस वर्मा के खिलाफ एक आंतरिक जांच कमेटी गठित की, जिसमें पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश शील नागू, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जी एस संधावालिया और कर्नाटक हाईकोर्ट की जस्टिस अनु शिवरामन शामिल हैं. फिलहाल मामले की जांच जारी है.
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न्यायिक कैरियर की नई दिशा
56 वर्षीय जस्टिस वर्मा ने 1992 में वकील के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी और 2014 में इलाहाबाद हाईकोर्ट में एडिशनल जज के तौर पर नियुक्त हुए थे. अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने संवैधानिक और श्रम कानूनों, कराधान, और कॉर्पोरेट कानूनों पर अपनी पकड़ मजबूत की थी. अब वे दिल्ली हाईकोर्ट से इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपना कार्यभार संभालेंगे.
जस्टिस चंद्रधारी सिंह का भी हुआ ट्रांसफर
दिलचस्प बात यह है कि जस्टिस वर्मा के साथ ही दिल्ली हाईकोर्ट के एक और जज, जस्टिस चंद्रधारी सिंह का भी ट्रांसफर इलाहाबाद हाई कोर्ट में कर दिया गया है. यह दोनों ट्रांसफर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद किए गए हैं, और इनकी नियुक्ति के बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट में न्यायिक कार्य का दायरा और बढ़ने की संभावना जताई जा रही है.
हालांकि जस्टिस वर्मा का ट्रांसफर हो चुका है, लेकिन उनके सरकारी आवास से मिले अधजले नोटों के रहस्य को लेकर जारी जांच में अब तक कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आया है. यह मामला अभी और गहराई से जांचा जा रहा है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि इस जांच के बाद कौन सी नई बातें सामने आती हैं.