शिवराज, सिंधिया से खटीक तक…मोदी कैबिनेट में MP के ये दिग्गज नेता आएंगे नजर, कुलस्ते का कटा पत्ता
Modi 3.o Cabinet: नरेंद्र मोदी आज शाम लगातार तीसरी बार पीएम पद की शपथ लेंगे और उनके साथ शपथ लेंगे कई मंत्री. इस बार मध्य प्रदेश से आधा दर्जन सांसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में शामिल हो सकते हैं. सबसे बड़ी बात है कि दुर्गादास उइके और सावित्री ठाकुर को भी मोदी कैबिनेट में जगह मिलेगी. पहले भी कैबिनेट के सदस्य रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया का कैबिनेट मंत्री बनना तय है. शिवराज सिंह चौहान, वीरेंद्र खटीक को कैबिनेट में जगह दी जाएगी.
ज्योतिरादित्य सिंधिया मोदी सरकार में एविएशन मिनिस्ट्री संभाल चुके हैं. वहीं वीरेंद्र कुमार खटीक भी 2014 में मोदी कैबिनेट में शामिल हुए थे. सावित्री ठाकुर और दुर्गादास उईके पहली बार केंद्र में मंत्री बनेंगे. आदिवासी क्षेत्र से आने वाले तीनों नेताओं को प्रधानमंत्री मोदी की कैबिनेट में शामिल किया जाएगा. धार, बैतूल और टीकमगढ़ के सांसद प्रधानमंत्री की कैबिनेट में मौजूद रहेंगे. हालांकि मंडला से फग्गन सिंह कुलस्ते भी चुनाव जीते हैं लेकिन उन्हें इस बार कैबिनेट में जगह अभी तक नहीं मिल पाई है.
कुलस्ते मोदी सरकार में मंत्री रह चुके हैं. मध्य प्रदेश में साल 2023 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने फग्गन सिंह कुलस्ते को चुनाव में उतारा था लेकिन ओमकार मरकाम में उन्हें हरा दिया. संभावना है कि मंदसौर से सुधीर गुप्ता को भी कैबिनेट में जगह दी जा सकती है. क्योंकि लंबा संसदीय कार्य और क्षेत्र में सक्रिय रहने का अनुभव है. बेस्ट सांसद का अवार्ड भी उन्हें मिल चुका है.
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आखिर क्यों मोदी कैबिनेट के दावेदार हुए यह नेता?
ज्योतिरादित्य सिंधिया – कांग्रेस की सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं. कांग्रेस और कमलनाथ सरकार का साथ छोड़ने के बाद भाजपा में शामिल हुए. इसके बाद भाजपा ने उन्हें राज्यसभा का सांसद बनाया और फिर प्रधानमंत्री मोदी ने एविएशन मिनिस्ट्री दी. सिंधिया काफी अनुभवी और प्रधानमंत्री के करीबी हैं. इस वजह से उन्हें फिर से कैबिनेट में शामिल किया जा रहा है.
शिवराज सिंह चौहान – मध्य प्रदेश में 16 साल तक मुख्यमंत्री बने रहे. कई सारी महिला गरीब कल्याण की योजनाएं जनता तक पहुंचाई शिवराज सिंह चौहान को दिल्ली लेकर आने की बात प्रधानमंत्री मोदी पहले भी कह चुके हैं. शिवराज सिंह चौहान के लंबे अनुभव का लाभ प्रधानमंत्री अपने कार्यकाल के दौरान करना चाहते हैं. सीनियर नेता होने के चलते कैबिनेट में उन्हें जगह देना प्रधानमंत्री की नैतिक जिम्मेदारी भी है.
दुर्गादास उईके – बैतूल लोकसभा सीट से तीसरी बार चुनाव जीतकर संसद पहुंचे हैं. उईके बैतूल से मजबूत संसद के तौर पर उभरे. कांग्रेस के रामू टेकाम को दो बार शिकस्त दी थी. खास बात ये है कि आदिवासी क्षेत्र से आने वाले डीडी उईके को प्रधानमंत्री की ओर से पहले ही इशारा हो चुका था कि उन्हें कैबिनेट में शामिल किया जाएगा क्योंकि फग्गन सिंह कुलस्ते को ड्रॉप किया गया है.
सावित्री ठाकुर – धार से 2014 में सांसद बनी, 2017 में भाजपा की राष्ट्रीय किसान मोर्चा की उपाध्यक्ष, आदिवासी किसानों के खेत में मेड़बंदी करवाना, सामाजिक कुरीतियों को दूर करना, महिलाओं के साथ शराबबंदी कार्यक्रम चलाना जैसी कई अभियान चला चुकी है. सावित्री ठाकुर हायर सेकेंडरी तक शिक्षित है लेकिन आदिवासियों के लिए शिक्षा को लेकर आवाज उठाती रही है.
वीरेंद्र खटीक – टीकमगढ़ से 8 बार चुनाव जीते हैं. लंबे समय से क्षेत्र में पानी की समस्या को लेकर मुद्दा सदन में उठाते रहे. वहीं प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल के दौरान मंत्री भी रह चुके हैं. जमीनी स्तर के नेता होने के चलते यह माना जा रहा था कि खटीक को भी शामिल किया जाएगा, लिहाजा 18 वीं लोकसभा में फिर सांसद बनाकर पहुंचे हैं 70 वर्षीय वीरेंद्र खटीक बीजेपी के सीनियर नेताओं में शामिल है. लिहाजा फिर से उन्हें कैबिनेट में जगह मिल रही है.