नए आपराधिक कानूनों पर रोक लगाने वाली याचिका Supreme Court से खारिज, SC ने सुनवाई से किया इनकार
Supreme Court ने नए आपराधिक कानूनों पर रोक लगाने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया है. दरअसल, तीन नए आपराधिक कानूनों-भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 की व्यवहार्यता की जांच के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित करने के निर्देश देने की मांग वाली याचिका दाखिल की गई थी.
याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा था कि IPC, CrPC और एविडेंस एक्ट की जगह लाए गए कानूनों को संसद में जरूरी बहस के बिना पास किया गया है. इस कारण सुप्रीम कोर्ट एक विशेषज्ञ कमिटी बनाए, जो इन कानूनों की व्यावहारिकता की जांच करे. हालांकि, सर्वोच्च अदालत ने कहा कि याचिका बहुत ही सामान्य तरीके से दायर की गई है.
याचिका में क्या कहा गया?
याचिका में कहा गया है, “संसदीय बहस लोकतांत्रिक कानून निर्माण का एक बुनियादी हिस्सा है. संसद में सदस्य बिलों पर मतदान करने से पहले उन पर बहस करते हैं. क्योंकि बहसें सार्वजनिक होती हैं, वे संसद सदस्यों को सदन में आवाज उठाने का अवसर देती है. याचिका के अनुसार, भारतीय न्याय संहिता 1860 के भारतीय दंड संहिता के अधिकांश अपराधों को बरकरार रखती है. इसमें सामुदायिक सेवा को सजा के रूप में जोड़ा गया है. राजद्रोह अब अपराध नहीं है. इसके बजाय, भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कृत्यों के लिए एक नया अपराध है. भारतीय न्याय संहिता में आतंकवाद को अपराध के रूप में जोड़ा गया है. याचिका में कहा गया है कि इसे एक ऐसे कृत्य के रूप में परिभाषित किया गया है जिसका उद्देश्य देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा को खतरे में डालना, आम जनता को डराना या सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ना है.
यह भी पढ़ें: Lok Sabha Election 2024 LIVE: दोपहर 1 बजे तक 36.73% मतदान, यूपी में 39.55 फीसदी वोटिंग
नए कानून में क्या?
याचिका में यह भी कहा गया है, “संगठित अपराध को एक अपराध के रूप में जोड़ा गया है. इसमें अपहरण, जबरन वसूली और एक अपराध सिंडिकेट की ओर से किए गए साइबर अपराध जैसे अपराध शामिल हैं. छोटे संगठित अपराध भी अब एक अपराध है. पांच के समूह द्वारा हत्या जाति, भाषा या व्यक्तिगत विश्वास जैसे कुछ पहचान चिह्नों के आधार पर एक या अधिक व्यक्तियों का उल्लंघन सात साल से लेकर आजीवन कारावास या मौत तक की सजा के साथ अपराध होगा.”