New Year Special: क्या सिर्फ 31 दिसंबर को ही मानते हैं न्यू ईयर का जश्न, भारत में पांच बार होती है नए साल की शुरुआत
New Year Special: नए साल के आने में अब बस कुछ दिनों का समय शेष है. क्रिस्मस के दिन से ही नए साल के जश्न की ही शुरुआत हो जाती है. 31 दिसंबर को भारत सहित दुनिया भर में न्यू ईयर ईव मनाया जाता है और फिर 1 जनवरी को नए साल का जश्न. मगर ये भारत की संस्कृति का हिस्सा नहीं है. अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक 1 जनवरी को नया साल मनाया जाता है. जबकि भारत में नए साल का जश्न 5 बार और वो भी अलग-अलग तारीखों पर मनाया जाता है.
भारत दुनिया भर में अनेकता में एकता का उदाहरण देता है. क्योंकि यहां किसी एक विशेष धर्म को महत्त्व नहीं दिया जाता. बल्कि यहां हर धर्म एक समान है. और यही एक कारण ही जो भारत को पूरे विश्व में सबसे अलग बनाता है. जहां अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक, हर साल एक जनवरी को न्यू ईयर मनाया जाता है, वहीं हमारे देश में 5 बार नए साल की शुरुआत होती है. क्योंकि भारत में हर धर्म का अपना नया साल होता है.
सभी धर्म संप्रदाय के कैलेंडर अनुसार उनका नया साल अलग-अलग होता है. हालांकि, अलग-अलग समय में भले ही नए साल का जश्न मनाया जाता है, लेकिन उसका उत्सव पूरा देश एक साथ मिलकर मनाता है. ऐसे में ये जानना जरुरी है कि भारत में हर धर्म का अपना नया साल कब मनाया जाता है.
हिंदूओं का नया साल
हिन्दू धर्म में चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को ही असल हिंदू नववर्ष नमनाया जाता है. इसके पीछे की मान्यता है कि देव युग में ब्रह्मा जी ने इसी दिन से सृष्टि की रचना शुरू की थी. इसीलिए इस दिन को नववर्ष के रूप में मनाया जाता है. इस दिन से ही विक्रम संवत की भी शुरुआत हुई थी.
पारसियों का नया साल
पारसी धर्म ने नवरोज के रूप में 19 अगस्त को नया साल मनाते हैं. माना जाता है कि 3000 साल पहले इसे सबसे पहले शाह जमशेदजी ने मनाया था.
जैन धर्म का नया साल
दीपावली के अगले दिन से जैन समाज के लोग नए साल का जश्न मानाने लगते हैं. इसे वीर निर्वाण सम्वत भी कहा जाता है.
पंजाबियों का नया साल
सिख नानकशाही कैलेंडर के मुताबिक वैशाखी के दिन से सिख धर्म के लोग अपना नया साल मनातें है.
ईसाईयों का नया साल
सबसे पहले रोमन शासक जुलियस सीजर ने 1 जनवरी को न्यू ईयर के रूप में मनाया था, लेकिन बाद में पोप ग्रेगरी ने इसमें भी कुछ संशोधन करते हुए अपने धर्म गुरु, जो कि उस समय के सबसे अच्छे धर्म गुरु थे, से मंत्रणा कर लीप ईयर को जोड़ते हुए नए ग्रेगोरियन कैलेंडर को बनाया. इसमें भी एक जनवरी को ही न्यू ईयर मनाया जाता है. तब से लेकर अब तक इसी ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार पूरे विश्व में 1 जनवरी को न्यू ईयर मनाया जाता है.