Betul: चंदा नहीं देने पर 35 परिवारों का सामाजिक बहिष्कार, गांव में कराई मुनादी – कोई बात नहीं करेगा
बैतूल: धार्मिक आयोजन के लिए चंदा ना देने पर 35 परिवारों को सामाजिक बहिष्कार किया गया
Betul News: बैतूल के आदिवासी बहुल विधानसभा के चोहटा गांव में धार्मिक आयोजन के चंदे को लेकर विवाद के बाद सामाजिक तनाव की स्थिति बन गई. शुक्रवार यानी 6 जून की रात गांव में मुनादी कर समाज विशेष के 35 परिवारों का सामाजिक बहिष्कार कर दिया गया. प्रशासन के दखल के बाद 8 जून की रात गांव में बैठक हुई और समझाइश दी गई.
5000 रुपये का जुर्माना
एक विशेष प्रकार का वाद्य यंत्र डुगडुगी बजाकर गांव में आदिवासी समाज ने ऐलान किया कि जिन लोगों ने धार्मिक आयोजन के लिए जिन लोगों ने चंदा नहीं दिया है, उन लोगों से कोई बात नहीं करेगा. बच्चों से भी दूरी बनाने के लिए कहा गया है. मुनादी का उल्लंघन करने वालों पर 5,000 रुपये का जुर्माना और सूचना देने वाले को 1,000 रुपये का इनाम की बात कही गई.
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‘डर के साए में जी रहे हैं’
गांव में रहने वाले देवराव बेले ने बताया कि उन्हें इस फरमान की वजह समझ नहीं आ रही है. उन्होंने कहा कि हम डर के साए में जी रहे हैं. शुक्र है कि नल-जल योजना से पानी मिल रहा है, वरना हालात और बिगड़ सकते थे. दुकानों से सामान नहीं मिल रहा, आटा चक्कियों में पिसाई नहीं हो रही और सामाजिक तिरस्कार की भावना गहराती जा रही है.
‘अब हालात सामान्य हैं’
ADM राजीव नंदन श्रीवास्तव रविवार यानी 8 जून की रात गांव पहुंचे और दोनों पक्षों से बात की. उन्होंने बताया कि मामला चंदे की नाराजगी को लेकर था, जिसे सुलझा लिया गया है. अब बहिष्कार जैसी कोई बात नहीं है. गांव में निगरानी कर रहे ग्राम सचिव ने बताया कि गांव की आबादी करीब 900 है. यहां हर साल देव पूजा होती है, जिसमें इस बार चंदा नहीं देने को लेकर विवाद हुआ. आदिवासी समाज के लगभग 100 मकान और अन्य समाज के करीब 25 मकान हैं.