Jabalpur News: अवमानना पर हाई कोर्ट ने सुनाई अनोखी सजा; 50 पौधे लगाने का दिया आदेश, कहा- 4 फीट से ऊंचाई कम न हो

Jabalpur News: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि पौधे की ऊंचाई 4 फीट से कम नहीं होनी चाहिये. साथ ही वन विभाग को आदेश दिया हैं कि वन विभाग के अनुविभागीय अधिकारी के आदेशानुसार बताये गये स्थान पर सबलगढ़ में पौधे का रोपण किया जाए
Jabalpur High Court gave a unique punishment to a young man, sentenced him to plant 50 trees for contempt

जबलपुर हाई कोर्ट (फाइल फोटो)

Jabalpur News: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने एक युवक को अनोखी सजा दी है. अदालत की अवमानना करने पर युवक को 50 पौधे लगाने के लिए कहा है. जबलपुर हाईकोर्ट ने मुरैना निवासी एक युवक को आपराधिक अवमानना करने पर 50 पौधे लगाने की अनोखी सजा सुनाई है. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ ने आपराधिक अवमानना के केस में क्षमा याचना स्वीकार करते हुए 50 देशी प्रजाति के पौधे रोपने के निर्देश जारी किये हैं.

4 फीट से कम ऊंचाई के नहीं होने चाहिए

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि पौधे की ऊंचाई 4 फीट से कम नहीं होनी चाहिये. साथ ही वन विभाग को आदेश दिया हैं कि वन विभाग के अनुविभागीय अधिकारी के आदेशानुसार बताये गये स्थान पर सबलगढ़ में पौधे का रोपण किया जाए.

ये भी पढ़ें: देवेंद्र फडणवीस के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेंगे महाकाल मंदिर के पुजारी पंडित आशीष, जानिए क्या-क्या भेंट करेंगे

नोटिस का जवाब न देने पर अनोखी सजा

दरअसल मुरैना जिले के सबलगढ़ न्यायालय द्वारा भेजे गए पत्र के आधार पर हाई कोर्ट अपराधिक अवमानना की सुनवाई कर रहा था. पत्र में कहा गया था कि त्रिवेणी नगर जयपुर, राजस्थान निवासी आरोपी राहुल साहू के विरुद्ध प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी अभिषेक कुमार के न्यायालय में भरण-पोषण का मामला विचाराधीन था. उसकी पत्नी पूजा राठौर ने 7 मई 2024 को पूजा ने न्यायालय को सूचित किया कि राहुल ने उसके और न्यायालय के विरुद्ध अनर्गल टिप्पणी वाली पोस्ट सोशल मीडिया पर अपलोड की है.

पूजा ने उस पोस्ट का सबूत भी कोर्ट में पेश किया. न्यायालय ने इस जानकारी को अभिलेख पर लेकर राहुल को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया. लेकिन युवक ने ना तो नोटिस का जवाब पेश किया और ना ही व्यक्तिगत रूप से भी पेश हुआ.

ये भी पढ़ें:  Mauganj से सामने आया अजब-गजब मामला; टीचर ने छुट्टी के लिए छात्र को ‘मृत’ बताया, स्कूल के रजिस्टर में लिखा- दाह संस्कार में जा रहा हूं

आपराधिक अवमानना याचिका की सुनवाई के दौरान आरोपी की तरफ से तर्क दिया गया कि वह सिर्फ दसवीं तक पढ़ा हुआ है. उसे कानून के संबंध में सीमित ज्ञान है. अदालतीय कार्रवाई और मर्यादा के संबंध में आवश्यक ज्ञान नहीं है. उसने बिना शर्त माफी मांगते हुए भविष्य में ऐसा नहीं करने वचन दिया. यहां से हाई कोर्ट ने क्षमा याचना को स्वीकार करते हुए युवक को 50 पौधे लगाने की सजा सुनाई है.

ज़रूर पढ़ें