MP News: विंध्य की महत्वपूर्ण लोकसभा सीट सीधी में सियासी घमासान, कांग्रेस-बीजेपी उम्मीदवारों ने भरा नामांकन

Lok Sabha Election2024: साल 2019 के चुनावों में सीधी लोकसभा सीट से भाजपा को जीत मिली थी. सीधी विधानसभा से विधायक रीति पाठक ने कांग्रेस के अजय अर्जुन सिंह को करारी शिकस्त दी थी.
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प्रतीकात्मक फोटो

भोपाल: विंध्य क्षेत्र की एक महत्वपूर्ण लोकसभा सीट सीधी लोकसभा. जहां पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान होना है. इस लोकसभा सीट में सीधी जिले के साथ सिंगरौली जिला भी शामिल है.और कुछ हिस्सा शहडोल का भी लोकसभा में आता है. कांग्रेस और भाजपा के नामांकन दाखिल होने के साथ लोकसभा सीट का मुकाबला पूरी तरह तैयार हो चुका है. सीधी लोकसभा सीट में बीजेपी ने ब्राह्मण कार्ड चलते हुए राजेश मिश्रा को अपना उम्मीदवार बनाया तो वही कांग्रेस ने ओबीसी चेहरे कमलेश्वर पटेल को प्रत्याशी बनाया है.  बीजेपी के उम्मीदवार राजेश मिश्रा जो पहले बहुजन समाज पार्टी में थे जहां से उन्होंने विधानसभा का चुनाव भी लड़ा था. उसके बाद 2009 से राजेश मिश्रा बीजेपी में है और लगातार टिकट की दावेदारी कर रहे थे. इस बार बीजेपी ने उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया तो वहीं कांग्रेस प्रत्याशी कमलेश्वर पटेल जो 2013 से 2023 तक विधायक रहे हैं. सीधी की सिहावल विधानसभा सीट से, लेकिन 2023 के चुनाव में बीजेपी के विश्वामित्र पाठक से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. कमलेश्वर पटेल कमलनाथ सरकार में मंत्री भी रहे हैं और उनके पिता इंद्रजीत पटेल भी कांग्रेस सरकार में पूर्व मंत्री रहे है.

साल 2019 के चुनावों में सीधी लोकसभा सीट से भाजपा को जीत मिली थी. भारतीय जनता पार्टी की मौजूदा सीधी विधानसभा से विधायक रीति पाठक ने कांग्रेस के अजय अर्जुन सिंह को करारी शिकस्त देते हुए कुल 6,98,342 वोट हासिल किए थे. जबकि कांग्रेस उम्मीदवार पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल को 4,11,818 वोट हासिल हुए थे.

तीन जिलों को मिलकर बनी है लोकसभा सीट

तीन जिलों को मिलाकर बनी सीधी लोकसभा सीट जिसमें शहडोल की एकमात्र विधानसभा सीट व्यवहारी आती है. बाकी सीधी और सिंगरौली जिले की विधानसभा सीटे आती है, सीधी जिले की चुरहट ,सीधी, सिहावल, धौहानी और सिंगरौली जिले की सिंगरौली देवसर, चितरंगी विधानसभा सीट आती है। जिनमें से चुरहट एक विधानसभा सीट है जिस पर कांग्रेस काबिज है, बाकी सात विधानसभा सीटों पर बीजेपी का कब्जा है इस लिहाज से बीजेपी का पलड़ा भारी नजर आ रहा है.

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लंबे समय से सीधी लोकसभा सीट पर बीजेपी का कब्जा

इस लोकसभा सीट से रणबहादुर सिंह निर्दलीय चुने जा चुके है लेकिन इसके बाद 1998 से लगातार इस लोक सभा सीट पर बीजेपी का कब्जा है. और इस सीट से सांसद रही रीती पाठक को अब भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा भेज दिया है, और यहां से राजेश मिश्रा को उम्मीदवार बनाया है.

सीधी लोकसभा सीट के जातिगत समीकरण

सीधी लोकसभा सीट में जातीय समीकरण पर अगर नजर डालें तो अनुसूचित जाति 11 फीसदी, अनुसूचित जनजाति 32 फीसदी, इसके बाद ठाकुर-ब्राण्हणों की संख्या सर्वाधिक है. सीधी में कुल वोटरों की संख्या 1845547 है. इसमें पुरुष और 966579 और महिला वोटर- 878948 हैं. जबकि, अन्य वोटरों की संख्या 20 है. जिसमें पिछले चुनाव में 1282705 वोट पड़े. इस लोकसभा सीट पर ब्राह्मण और ठाकुर निर्णायक होता है.

राज्यसभा सांसद ने छोड़ी बीजेपी तो मचा बवाल

सीधी लोकसभा सीट में जहां जातिगत समीकरणों में भाजपा मनोवैज्ञानिक बढ़त बनाई हुई थी इसी बीच राज्यसभा से बीजेपी से सांसद अजय प्रताप सिंह ने बीजेपी छोड़ दी छोड़ते हुए सबको चौंका दिया और उस समय भाजपा का दामन छोड़ दिया जब लगातार कांग्रेस सहित अन्य पार्टी के नेता अपनी पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो रहे थे, दरअसल अजय प्रताप सिंह बीजेपी से लोकसभा की टिकट की दावेदारी कर रहे थे. टिकट न मिलने से नाराज राज्यसभा सांसद ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी पार्टी से नामांकन भी भर दिया .जिसके कारण सीधी लोकसभा सीट में अब समीकरण बदलते हुए दिख रहे क्योंकि कांग्रेस ने जहां ओबीसी चेहरा कमलेश्वर पटेल को उतारा है तो बीजेपी ने ब्राह्मण चेहरे पर भरोसा जताते हुए राजेश मिश्रा को उम्मीदवार बनाया है. अजय प्रताप सिंह के उम्मीदवार होने से क्षत्रिय वोटो का नुकसान भाजपा और कांग्रेस को उठाना पड़ सकता है. लेकिन ज्यादा नुकसान बीजेपी की होने की संभावना है.

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