MP News: पुलिस थाने में मंदिर निर्माण पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, राज्य सरकार से मांगा जवाब
MP News: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य के अलग-अलग पुलिस थानों के परिसरों में मंदिरों के निर्माण पर रोक लगा दी है. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से मामले में जबाव मांगा है. चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की डिवीजन बेंच ने जनहित याचिका पर फैसला सुनाया.
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को दिया नोटिस
मध्य प्रदेश के तमाम थानों के अंदर मौजूद मंदिरों के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है. हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण अंतरिम आदेश जारी करते हुए प्रदेश के थाना परिसरों में निर्माणाधीन मंदिरों पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही राज्य शासन, मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव गृह विभाग, नगरीय प्रशासन, पुलिस महानिदेशक सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. जबलपुर हाईकोर्ट में अधिवक्ता ओपी यादव की ओर से जनहित याचिका दायर की गई है.
इस याचिका में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का हवाला दिया गया है. याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट निर्देश होने के बावजूद भी जबलपुर समेत प्रदेश के विभिन्न थाना परिसरों में मंदिर का निर्माण कराया जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि देशभक्ति और जन सेवा के ध्येय वाक्य से पुलिस थाना परिसर लोकतांत्रिक तरीके से संचालित होने चाहिए. थाना परिसरों में किसी भी धर्म विशेष के आराधना स्थल का निर्माण अनुचित है. इसके बावजूद भी तमाम थाना परिसरों में मंदिर मौजूद हैं.
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‘अवैध निर्माण हटाए जाएं, संबंधित अधिकारी पर हो कार्रवाई’
कई पुलिस थानों में मंदिरों का निर्माण कराया जा रहा है. सुनवाई के दौरान बताया गया की 2003 में न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश का उल्लंघन किया जा रहा है. याचिका में बताया गया कि जबलपुर के कई थानों में मंदिरों का निर्माण हो चुका है. याचिका के साथ सिविल लाइन, विजय नगर, मदन महल और लार्डगंज पुलिस थाने के निर्माणाधीन मंदिरों की फोटो भी लगाई गई है. याचिका में कहा गया है की सभी अवैध मंदिरों को तुरंत हटाने और संबंधित थानेदारों पर सिविल सर्विस रूल्स के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए.
हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की युगल पीठ ने सख्त रोक अपनाते हुए थाना परिसरों में निर्माणाधीन मंदिरों पर तत्काल रोक के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही मुख्य सचिव, डीजीपी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है कि निर्माण किसके आदेश पर हो रहे हैं. हाईकोर्ट ने मामले पर अगली सुनवाई 19 नवंबर को तय की है तब तक हाई कोर्ट में सभी अनावेदकों को अपने जवाब पेश करने होंगे.
मंदिरों से आखिरकार आपत्ति क्या है? – VHP
इधर इस मामले पर अब हिंदूवादी संगठन भी आगे आ गए हैं. विश्व हिंदू परिषद (VHP) के पदाधिकारी पंकज श्रीवस्त्री का कहना है कि मंदिरों से आखिरकार आपत्ति क्या है? थाना परिसरों के अंदर बनने वाले मंदिरों से ना तो यातायात प्रभावित हो रहा है और ना ही किसी भी तरह की कोई परेशानी. तो फिर मंदिर तोड़ने की मांग क्यों की जा रही है इस मामले पर हाईकोर्ट में विश्व हिंदू परिषद की ओर से भी पक्ष रखने की तैयारी शुरू हो चुकी है.