MP में सरकार ने बनाया परिसीमन आयोग, जल्द ही सागर-धार और इंदौर से भी बनेंगे जिले
MP News: मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने सोमवार को राज्य में नए परिसीमन आयोग के गठन का ऐलान किया है. मुख्यमंत्री यादव ने कहा है कि जब हमने सरकार बनाई तो इस बात पर ध्यान दिया कि भौगोलिक दृष्टि से भारत का दूसरा सबसे बड़ा राज्य होने के नाते मध्य प्रदेश का अपना क्षेत्रफल तो है लेकिन समय के साथ इसमें कुछ कठिनाइयां भी आई हैं. जिले तो बढ़ गए लेकिन जिलों की अपनी सीमाएं हैं, कई विसंगतियां हैं, कई संभाग बहुत छोटे हो गए हैं.
ऐसी कई विसंगतियों के लिए हमने नया परिसीमन आयोग बनाया है, जिसके माध्यम से आस-पास के स्थानों को आस-पास के जिलों से जोड़कर लोगों की बेहतरी के लिए काम किया जाएगा. संभागों और जिलों का फिर से निरीक्षण किया जाएगा. सागर, इंदौर, धार ऐसे जिले हैं जिनमें बड़ी कठिनाइयां हैं, जिन्हें मैं उम्मीद करता हूं कि इस आयोग के माध्यम से दूर किया जाएगा. हमारी सरकार प्रदेश की बेहतरी के लिए काम करती रहेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने परिसीमन आयोग का गठन किया है जिसके माध्यम से विसंगतियों को दूर करने का काम करेंगे. मुख्यमंत्री के स्पेशल के बाद माना जा रहा है कि सागर धार और इंदौर से एक-एक जिले बनाए जाएंगे पिछले दिनों सरकार ने मैहर, पांढुर्णा को जिला बनाया था. अब तक मध्य प्रदेश में करीब 56 जिले बन चुके हैं. आने वाले दिनों में यह संख्या 60 तक पहुंच सकती है. मुख्यमंत्री मोहन यादव आज बीना जाने वाले हैं. संभवत बीना को जिला बनाने का भी फैसला किया जा सकता है.
हमारी सरकार ने प्रदेश के विकास और प्रशासनिक सुधार के लिए नए परिसीमन आयोग का गठन किया है…
जिलों और संभागों का पुनः परीक्षण कर, हम आपकी भलाई के लिए बेहतर व्यवस्थाओं की नींव रख रहे हैं। हमारा प्रयास है कि प्रदेश का हर कोना प्रगति की ओर बढ़े। pic.twitter.com/Y8iORreWFc
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) September 9, 2024
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जिलों से पहले थानों का भी हुआ परिसीमन
मध्य प्रदेश सरकार ने जिलों से पहले पुलिस थानों का भी प्रबंध कराया है. कई थाने छोटे थे. उनका दायरा बढ़ाया गया है. खास तौर पर पुलिस कमिश्नर सिस्टम भोपाल इंदौर में लागू किया गया है. उनके सीमाओं में भी बदलाव आने वाले दिनों में किया जाएगा. गृह विभाग ने प्रस्ताव राज्य सरकार के पास भेज दिया है. माना जा रहा है कि जिलों के परिसीमन के बाद थानों के भी सीमा में परिवर्तन किया जाएगा. इसका असर भी विधानसभा क्षेत्र में भी पड़ेगा. कई इलाके अभी छोटे हैं. उनके मतदाता भी दूसरे विधानसभाओं में शिफ्ट हो जाएंगे.