MP News: BJP विधायक सिद्धार्थ तिवारी को लेकर दिग्विजय सिंह के बयान से विंध्य में गरमाई सियासत, जानें पूरा मामला
विंध्य में गरमाई सियासत
MP News: इन दिनों विंध्य की सियासत बहुत तेज है. पिछले दिनों पंडित श्रीनिवास तिवारी की जन्म जयंती समारोह का आयोजन किया गया. इस आयोजन में हुए मूर्ति विवाद से सियासत तेज हो गई है. इस आयोजन में शामिल होने के लिए मध्य प्रदेश कांग्रेस के तमाम दिग्गज नेता पहुंचे तो पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी की प्रतिमा का अनावरण हुआ, लेकिन हर किसी की निगाहें श्रीनिवास तिवारी के पोते BJP विधायक सिद्धार्थ तिवारी पर टिकी रहीं, जो इस आयोजन से नदारद रहे. इसे लेकर पूर्व CM दिग्विजय सिंह के बयान से राजनीतिक गलियारों में पारा चढ़ गया है.
‘उनको शर्म आनी चाहिए…’
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी की प्रतिमा मूर्ति के अनावरण कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व CM दिग्विजय सिंह भी पहुंचे. उनसे जब BJP विधायक सिद्धार्थ तिवारी के शामिल नहीं होने को लेकर सवाल किए गए तो दिग्विजय सिंह ने कहा कि सिद्धार्थ तिवारी ने पंडित श्रीनिवास तिवारी के प्रति आस्था रखने वाले लोगों का अपमान किया है. उन्होंने कहा कि जिस तरह की भाषा का उपयोग सिद्धार्थ करते हैं उनको शर्म आनी चाहिए. ऐसी भाषा का प्रयोग उन लोगों के लिए, जिनका श्रीनिवास तिवारी जी से बेहद आत्मिक संबंध रहा है.
दिग्विजय सिंह को लेकर सिद्धार्थ कर चुके हैं टिप्पणी
दरअसल, दिग्विजय सिंह ने इशारों में खुद की बात की क्योंकि सिद्धार्थ तिवारी कई बार दिग्विजय सिंह को लेकर अनर्गल कर टिप्पणी कर चुके हैं. श्रीनिवास तिवारी की बात आते ही दिग्विजय सिंह ने सीधे कहा- ‘उनको मैं अपना गुरु मानता था.’
‘जय-वीरू’ की जोड़ी
बता दें कि कहा जाता है कि जब दिग्विजय सिंह मुख्यमंत्री हुआ करते थे और श्रीनिवास तिवारी विधानसभा के अध्यक्ष तो हमेशा उनको गुरुदेव कह कर संबोधित करते थे. इन दोनों की जोड़ी ‘जय-वीरू’ की जोड़ी मानी जाती थी. वह दौर आज भी लोग याद करते हैं क्योंकि जब बात श्रीनिवास तिवारी की होती है तो दिग्विजय सिंह और श्रीनिवास तिवारी के संबंधों की बात ना हो तो वह चर्चा अधूरी रह जाती है. अब श्रीनिवास तिवारी के पोते जो BJP में है उनको लेकर यह बयान विंध्य की सियासत को गर्म किए हुए हैं.
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CM मोहन यादव का त्योंथार दौरा
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव पहली बार मुख्यमंत्री बनने के बाद त्योंथार विधानसभा पहुंचे हैं. 17 सितंबर को मुख्यमंत्री को पहुंचना था, लेकिन प्रधानमंत्री के मध्य प्रदेश दौरे के कारण इस कार्यक्रम को 19 सितंबर को रखा गया है. माना जा रहा था कि यह आयोजन श्रीनिवास तिवारी को लेकर ही होगा, लेकिन इस कार्यक्रम में कहीं भी श्रीनिवास तिवारी के नाम का ना तो जिक्र है और ना ही वहां के होर्डिंग और बैनर में उनकी फोटो.
राजेंद्र शुक्ला भी बैनर से गायब
एक बड़ी बात यह भी है कि विंध्य के सबसे बड़े नेता और मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला भी रीवा के त्योंथार के इस कार्यक्रम में होर्डिंग और बैनर से गायब हैं. लोग कहते हैं कि यह गुटबाजी तो कांग्रेस में हुआ करती थी लेकिन BJP में यह गुटबाजी कैसे आई? क्या सिद्धार्थ तिवारी के BJP में आने के बाद एक अलग खेमा बन गया है? हालांकि, यह सियासत अब कहां तक जाएगी यह आने वाले वक्त में पता चलेगा.