भोपाल-इंदौर मेट्रोपॉलिटन के बदले जाएंगे नाम, कल कैबिनेट मीटिंग में रखा जाएगा प्रस्ताव, अधिनियम को मानसून सत्र में लाने की तैयारी

मध्य प्रदेश में भोपाल और इंदौर को मेट्रोपॉलिटन के नाम बदलने की तैयारी हो चुकी है. कल मोहन सरकार की होने वाली कैबिनेट मीटिंग में इसकी चर्चा की जा सकती है.
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Bhopal-Indore Metropolitan: मध्य प्रदेश में भोपाल और इंदौर को मेट्रोपॉलिटन के नाम बदलने की तैयारी हो चुकी है. कल मोहन सरकार की होने वाली कैबिनेट मीटिंग में इसकी चर्चा की जा सकती है. भोपाल को भोजपाल के नाम पर, और इंदौर मेट्रोपॉलिटन का नाम देवी अहिल्याबाई या अवंतिका के नाम पर हो सकता है. कैबिनेट मीटिंग के बाद अधिनियमक को विधानसभा के मानसून सत्र में लाया जा सकता है. आवासीय और व्यावसायिक गतिविधियों के लिए अलग-अलग क्षेत्र चिन्हित किए जाएंगे.

‘मप्र मेट्रोपॉलिटन नियोजन एवं विकास अधिनियम 2025’ तैयार

भोपाल और इंदौर को मेट्रोपॉलिटन रीजन के रूप में विकसित करने की तैयारी अंतिम चरण में है. इसके लिए ‘मप्र मेट्रोपॉलिटन नियोजन एवं विकास अधिनियम 2025’ तैयार कर लिया गया है. एक्ट पास होते ही दोनों क्षेत्रों के लिए मेट्रोपॉलिटन प्लानिंग कमेटी (एमपीसी) व मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी (एमआरडीए) का गठन होगा.

भोपाल मेट्रोपॉलिटन रीजन में लगभग 9600 वर्ग किलोमीटर


भोपाल मेट्रोपॉलिटन रीजन में लगभग 9600 वर्ग किलोमीटर और इंदौर मेट्रोपॉलिटन रीजन में 9336 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र शामिल किया जाएगा. भोपाल रीजन में रायसेन, विदिशा, राजगढ़ और सीहोर जिलों के हिस्सों को जोड़ा जाएगा. दक्षिण में ओबेदुल्लागंज से लेकर उत्तर में श्यामपुर तक इसका विस्तार होगा. यह योजना 35 लाख की वर्तमान आबादी और 60 लाख की संभावित जनसंख्या को ध्यान में रखकर बनाई जा रही है.

इंदौर मेट्रोपॉलिटन रीजन की योजना 75 लाख की संभावित आबादी को ध्यान में रखकर तैयार की जा रही है. इसमें उज्जैन, देवास और धार जिलों के शहरी एवं अर्ध-शहरी क्षेत्र शामिल होंगे.

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