MP News: रिटायरमेंट के बाद पुलिसकर्मियों को नहीं मिलेगा परोपकार योजना का लाभ, PHQ ने जारी किए दो नए आदेश
सांकेतिक तस्वीर.
MP News: मध्य प्रदेश में अब रिटायर होने वाले पुलिसकर्मियों को परोपकार योजना का फायदा नहीं मिलेगा. यानी विभाग की तरफ से दी जाने वाली परोपकार निधि की सहायता उन्हें नहीं मिलेगी. पुलिस मुख्यालय ने आदेश जारी किया है. पुलिस मुख्यालय में इस बदलाव को लेकर कहा है कि तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी, जिनकी सेवा निवृत्ति के 2 साल बाद उनकी मौत होती है,
उन्हें भी 1 लाख रुपए की पात्रता है. इस विषय में बदलाव करते हुए कहा गया है कि परोपकार निधि योजना 2025 के अंतर्गत पात्रता में सेवानिवृत्ति के बाद परोपकार निधि न दिए जाने का प्रस्ताव जारी किया गया है. यानी कि अब नवंबर महीने के बाद किसी भी रिटायर पुलिसकर्मी की मौत पर उसे परोपकार निधि की पात्रता नहीं है.
एक से 5 लाख रुपये परिजनों को दिया जाता था
दरअसल मध्य प्रदेश में अभी तक पुलिसकर्मियों के रिटायरमेंट के 2 साल के बाद मौत होने पर परोपकार के तौर पर 1 से 5 लाख रुपए के परिजनों को दिया जाता था लेकिन अब यह निधि की राशि नहीं दी जाएगी. पुलिस मुख्यालय के दो बड़े फैसलों से इन दोनों पुलिसकर्मी बड़े बेचैन है. साथ ही उनके बड़े अफसर भी मुसीबत में है.
‘अफसर क्रिकेट और बैडमिंटन खेलने बंद करें’
पिछले दिनों बैठक में डीजीपी कैलाश मकवाना ने कहा था कि अफसर क्रिकेट और बैडमिंटन खेलने बंद करें. रात में फील्ड पर उतरे और गश्त करें. इधर सहायक पुलिस महान निरीक्षक कल्याण इमरीन शाह ने आदेश जारी किया है कि अक्टूबर महीने में फैसला लिया गया था कि इकाइयों में मनोरंजन कक्ष का संचालन किया जाए. इसके लिए लाइन या फिर बटालियन फंड का खर्च इस्तेमाल कर लिया जाए. दुविधा यह है कि डीजीपी ने कहा फील्ड पर उतरे और दूसरी तरफ कल्याण शाखा ने पुलिसकर्मियों के लिए मनोरंजन कक्ष बनाने का फरमान जारी कर दिया.
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