MP News: औषधीय पौधों के उत्पादन में आड़े आ रहा फंड, पिछले 4 सालों में 1.28 करोड़ से घटकर 89 लाख पहुंचा

MP News: केंद्र सरकार ने आयुर्वेद को बढ़ावा देने के साथ ही औषधीय पौधों की प्रजाति पर काम करने के लिए निर्देश जारी किए थे. आयुर्वेदिक दवाइयों में इस्तेमाल होने वाले पौधों की संख्या बढ़ाने का काम किया भी जा रहा है
There is a shortage of funds for the production of medicinal plants in Madhya Pradesh

मध्य प्रदेश में औषधीय पौधों के उत्पादन के लिए फंड में आ रही कमी

MP News: मध्य प्रदेश सरकार आयुर्वेद को बढ़ावा दे रही है. इसके लिए फंड की कमी है. केंद्र सरकार की ओर से फंड दिया जाता है. लेकिन आवश्यकता के अनुसार फंड नहीं मिल रहा है. यही कारण है कि 4 सालों में सिर्फ 5 करोड़ रुपये की राशि ही मिली है. मध्य प्रदेश सरकार ने आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए केंद्र को 34 प्रस्ताव भेजे हैं. सिर्फ 7 प्रस्तावों को ही स्वीकृति मिली है.

मध्य प्रदेश के 7 केंद्रों पर पौधे तैयार हो रहे

केंद्र सरकार ने आयुर्वेद को बढ़ावा देने के साथ ही औषधीय पौधों की प्रजाति पर काम करने के लिए निर्देश जारी किए थे. आयुर्वेदिक दवाइयों में इस्तेमाल होने वाले पौधों की संख्या बढ़ाने का काम किया भी जा रहा है. लेकिन जिस रफ्तार से केंद्र ने लक्ष्य दिया था. वह पूरा नहीं हो पाया है. आयुष विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 7 केंद्रों पर पौधे मध्य प्रदेश में तैयार किए जा रहे हैं.

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पिछले कई सालों में फंड की कमी के चलते पौधे तैयार नहीं हो पाए हैं. हालांकि कोरोना के समय आयुर्वेदिक काढ़ा बनाने में सबसे ज्यादा पौधों का इस्तेमाल किया था. इसके साथ ही कुछ आयुर्वेदिक केंद्रों पर दवाई की मांग भी ज्यादा थी लेकिन परेशानी यही है कि पौधे की संख्या कम होने के कारण दवाईयां तैयार नहीं हो पाई है.

पौधों से दवा बना रहे किसान

योजना के तहत किसानों की भूमि पर प्राथमिक औषधीय पौधों की खेती की जा रही है. गुणवत्तापूर्ण रोपण सामग्री के उत्पादन और आपूर्ति के लिए नर्सरी भी स्थापित की जा रही हैं. प्रबंधन और विपणन अवसंरचना आदि के लिए किसानों को योजना में शामिल किया गया है.

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