महाकुंभ भगदड़…किसी की साजिश थी या महज हादसा? 16,000 मोबाइल नंबरों की जांच में जुटी STF
महाकुंभ की तस्वीर
Maha Kumbh 2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेला 2025 की इस बार की सबसे बड़ी घटना मौनी अमावस्या के दिन मची भगदड़ थी. 29-30 जनवरी की रात करीब 2 बजे, करोड़ों श्रद्धालु संगम में स्नान करने के लिए जुटे हुए थे. इस दौरान अचानक मची भगदड़ में 30 से अधिक लोगों की मौत हो गई, और 60 से ज्यादा लोग घायल हुए.
घटना के बाद प्रशासन ने इसकी जांच शुरू कर दी है, और अब उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने इस मामले में साजिश का एंगल भी तलाशना शुरू कर दिया है. इससे पहले कई संतों ने दावा किया कि कुछ लोग भगदड़ वाले दिन गाड़ी में आए थे. भगदड़ के बाद से सोशल मीडिया पर कई वीडियो भी वायरल हो रहे हैं, जिससे साजिश की आशंका जताई जा रही है.
STF ने शुरू की साजिश की जांच!
उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स अब यह जानने की कोशिश कर रही है कि क्या महाकुंभ में मची भगदड़ किसी साजिश के तहत करवाई गई थी? एसटीएफ की टीमें अब संगम नोज क्षेत्र के आसपास सक्रिय मोबाइल नंबरों का डेटा खंगाल रही हैं. सूत्रों के अनुसार, करीब 16,000 से ज्यादा मोबाइल नंबरों का विश्लेषण किया जा रहा है. यह पाया गया कि कई मोबाइल नंबर घटना के बाद से बंद हो गए थे, और इनकी ट्रेसिंग की जा रही है. एसटीएफ की टीम यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या इन मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल कोई संदिग्ध गतिविधियों के लिए किया गया था.
इसके अलावा, महाकुंभ मेला क्षेत्र के कमांड एंड कंट्रोल रूम में लगे सीसीटीवी कैमरों से मिली फुटेज की भी जांच की जा रही है. इन फुटेज को फेस रिकग्निशन ऐप के जरिए जांचा जा रहा है ताकि किसी भी संदिग्ध व्यक्ति की पहचान की जा सके. एसटीएफ के अनुसार, इस घटना की तह में जाने के लिए हर पहलू पर ध्यान दिया जा रहा है.
वसंत पंचमी पर सुरक्षा का और सख्त इंतजाम
वसंत पंचमी के मौके पर महाकुंभ का तीसरा अमृत स्नान होना है, और इसके लिए प्रशासन ने सुरक्षा को लेकर कड़े इंतजाम किए हैं. यूपी पुलिस ने इस बार हर प्रकार की भीड़-भाड़ और भगदड़ की घटनाओं से बचने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किया है. इस दौरान प्रशासन के उच्च अधिकारी लगातार महाकुंभ में सक्रिय रहेंगे, और घटना स्थल पर हर गतिविधि की निगरानी की जाएगी.
इसके साथ ही, महाकुंभ में हर श्रद्धालु की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए महाकुंभ प्रशासन ने अहम कदम उठाए हैं. पुलिस और एसटीएफ के अलावा, सीसीटीवी निगरानी, ड्रोन की मदद से हवाई निगरानी, और सुरक्षा गार्ड्स की तैनाती भी की गई है. इन सभी इंतजामों से प्रशासन यह सुनिश्चित करना चाहता है कि श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो और वे बिना किसी डर के इस धार्मिक आयोजन का हिस्सा बन सकें.
महाकुंभ मेला क्षेत्र में वाहनों की एंट्री पर पाबंदी महाकुंभ में सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन ने एक अहम कदम उठाया है. 2 फरवरी से लेकर 4 फरवरी तक प्रयागराज शहर में वाहनों की एंट्री पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दी गई है. इससे मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं की संख्या में और बढ़ोतरी को देखते हुए वाहनों की भीड़ को नियंत्रित किया जा सकेगा. बाहर से आने वाले श्रद्धालु अब अपनी गाड़ियों को शहर के बाहर बने पार्किंग स्टैंड्स में खड़ा करेंगे. इसके बाद वे शटल बसों या पैदल ही संगम घाट तक पहुंचेंगे.
इससे न केवल यातायात में सुधार होगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित होगा कि अधिक से अधिक श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के घाट तक पहुंच सकें. प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया है कि इस व्यवस्था के तहत अलग-अलग प्रकार के वाहन – बड़े और छोटे – दोनों के लिए अलग-अलग पार्किंग स्टैंड बनाए गए हैं.
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पीएम मोदी का महाकुंभ दौरा
इस बीच, 5 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी महाकुंभ मेला क्षेत्र का दौरा करेंगे. प्रधानमंत्री के दौरे से पहले ही प्रशासन ने इस बात की स्पष्टता दी है कि वीआईपी मूवमेंट पर कोई विशेष छूट नहीं दी जाएगी. वीआईपी यात्रियों को भी नियमों का पालन करना होगा और उन्हें अपनी यात्रा की सूचना एक सप्ताह पहले प्रशासन को देनी होगी. इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि किसी भी अचानक वीआईपी यात्रा के कारण श्रद्धालुओं के स्नान या यात्रा की व्यवस्था में कोई विघ्न न आए.
महाकुंभ मेला क्षेत्र से जुड़ी सभी सुविधाओं में सुधार करने के लिए प्रशासन ने कड़े कदम उठाए हैं. वीआईपी और वीवीआईपी मूवमेंट को लेकर स्पष्ट निर्देश जारी किए गए हैं ताकि प्रशासन की योजनाओं में कोई भी बाधा न आए. इस दौरान, पुलिस और प्रशासन के वाहनों के अलावा, एंबुलेंस और अन्य आवश्यक सेवा प्रदान करने वाले वाहनों को शहर में चलने की अनुमति होगी, लेकिन आम वाहनों को प्रतिबंधित किया गया है.
प्रयागराज महाकुंभ मेला आयोजन से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि महाकुंभ मेला प्रशासन का मुख्य उद्देश्य श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा है. इस बार की घटनाओं को देखते हुए, प्रशासन ने पहले से कहीं अधिक कड़े कदम उठाए हैं. न केवल पुलिस बल की तैनाती की गई है, बल्कि हर छोटे से छोटे पहलू पर निगरानी रखी जा रही है ताकि कोई भी अप्रत्याशित घटना न घटे.