मस्जिद कमेटी की ओर से अधिवक्ता अरविंद कुमार त्रिपाठी और शशांक त्रिपाठी ने कोर्ट में जोरदार दलीलें दीं. उन्होंने बताया कि बारात घर तो पहले ही ढहा दिया गया है और मस्जिद को गांधी जयंती और दशहरे के दिन तोड़ने की बात थी. दूसरी ओर, राज्य सरकार की ओर से चीफ स्टैंडिंग काउंसिल जे.एन. मौर्या और आशीष मोहन श्रीवास्तव ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि ये कार्रवाई नियमों के तहत हो रही है.
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पुलिस के उस पुराने तरीके पर सवाल उठाया, जिसमें अभियुक्तों की जाति को दस्तावेजों में दर्ज किया जाता है. जस्टिस विनोद दिवाकर ने कहा, "ये पुरानी प्रथा संवैधानिक नैतिकता के खिलाफ है. जाति का उल्लेख करना कानूनी भूल है, जो भारत के लोकतंत्र को कमजोर करता है."
Allahabad High Court: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि बिना विधिवत धर्म परिवर्तन के अलग-अलग धर्मों के व्यक्तियों के बीच होने वाला विवाह कानूनन वैध नहीं माना जाएगा.
Emergency: आपातकाल की 50वीं बरसी पर यह याद करना जरूरी है कि लोकतंत्र कितने बलिदानों से हासिल हुआ है. जेपी की हुंकार ने दिखाया कि जनता की आवाज को दबाया नहीं जा सकता.
Justice Shekhar Kumar Yadav: एक कार्यक्रम में दिए गए कथित विवादित बयानों के कारण उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव की चर्चा ने अब जोरों पर है.
इससे पहले निचली अदालत में भी यह मामला पहुंचा था. वहां NHAI की ओर से एक संशोधन याचिका दाखिल की गई थी, जिसे स्वीकार कर लिया गया. वक्फ की ओर से इसके खिलाफ पुनरीक्षण याचिका दायर की गई, लेकिन उसे भी खारिज कर दिया गया. आखिरकार, हाईकोर्ट ने साफ कर दिया कि यह जमीन NHAI की है और वक्फ का दावा पूरी तरह से हवा-हवाई है.
Justice Verma: मानसून सत्र के दौरान सरकार जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव ला सकती है. पूर्व सीजीआई जस्टिस संजीव खन्ना ने प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को पत्र लिखकर कार्रवाई करने की मांग की थी
योगी सरकार का कहना है कि यह वर्कशॉप बच्चों को न सिर्फ अपनी संस्कृति से जोड़ेगी, बल्कि उनमें नैतिकता और कला के प्रति रुचि भी पैदा करेगी. सरकार का मानना है कि भगवान राम के आदर्शों से नई पीढ़ी को प्रेरणा मिलेगी, जो उनके व्यक्तित्व को और निखारेगी.
Sambhal Jama Masjid: संभल जामा मस्जिद सर्वे मामले में मस्जिद प्रबंधन समिति को बड़ा झटका दिया है. कोर्ट ने मस्जिद पक्ष की सिविल रिवीजन पिटीशन को खारिज कर दिया है.
भारतीय नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 9(2) के मुताबिक, अगर कोई भारतीय नागरिक स्वेच्छा से किसी अन्य देश की नागरिकता लेता है, तो उसकी भारतीय नागरिकता खत्म हो सकती है. याचिकाकर्ता का दावा है कि राहुल गांधी ने ब्रिटिश नागरिकता छिपाई, जो भारतीय न्याय संहिता और पासपोर्ट एक्ट के तहत अपराध है.