इस बावड़ी का निर्माण बिलारी सहसपुर के राजा चंद्र विजय सिंह के शासनकाल में हुआ था. बावड़ी की देखरेख और इसके उपयोग का जिम्मा रानी सुरेंद्र बाला के पास था, जिन्हें यह रियासत के मैनेजर ने रहने के लिए दी थी.
Bhojshala Survey: भोजशाला में रविवार की सुबह तीन तरफ से उत्खनन शुरू हुआ है. यहां ट्रेंच को और गरा किया जा रहा है.