कांग्रेस उम्मीदवार रहते अक्षय कांति बम ने जो हलफनामे सौंपे थे, उसके अनुसार, उनकी चल और अचल संपत्ति 55. 028 करोड़ रुपये की है, जिसमें करीब 14.05 लाख रुपये की कलाई घड़ी भी शामिल है.
Lok Sabha Election 2024: पूर्व सीएम उमा भारती कल लोधी समाज बाहुल्य इलाके में सभाए करती नजर आई. उमा भारती पिछोर, सिरसौद और खोड़ में सभा की ताकि लोधी समाज पर व्यापक असर पड़े.
2019 के लोकसभा चुनाव में दिनेश प्रताप सिंह ने रायबरेली से सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा था. हालांकि, वह कांग्रेस के गढ़ में लगभग 1.6 लाख वोटों के अंतर से हार गए.
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के आणंद में रैली के दौरान कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. पीएम मोदी ने कहा, 'एक चाय वाले ने दुनिया में देश की इकोनॉमी को 11 नंबर से 5 नंबर पर पहुंचा दिया.
अपने इस बयान के बाद अखिलेश यादव ने इसके पीछे की वजह भी बताई है. अखिलेश यादव ने कहा, "पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अग्निवीर की चार साल की नौकरी को वे स्वीकार नहीं करते. जब भी उनकी पार्टी सत्ता में आएगी इस व्यवस्था को बंद कर युवाओं को पक्की नौकरी दी जाएगी जो पेंशन भी लेने के हकदार होंगे.
Lok Sabha Election 2024: कैसरगंज सीट से BJP ने बृजभूषण के बेटे करण भूषण को टिकट दिया गया है. वहीं पार्टी ने रायबरेली से दिनेश प्रताप सिंह को उतारा है. BJP प्रत्याशी करण भूषण सिंह(Karan Bhushan Singh) कैसरगंज से मौजूदा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के छोटे बेटे हैं.
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए तीसरे चरण का मतदान 7 मई को होना है. इससे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के नामांकन को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं.
इस बीच राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि बीजेपी कैसरगंज से अपने मौजूदा सांसद बृज भूषण शरण सिंह को हटा सकती है और उनके बेटे को सीट से मैदान में उतारा जा सकता है.
Lok Sabha Election 2024: TMC विधायक हुमायूं कबीर(Humayun Kabir) ने चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा है कि हिंदुओं को गंगा में बहा देंगे. बता दें कि पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के भरतपुर विधानसभा सीट से हुमायूं कबीर(TMC MLA) विधायक चुने गए हैं.
Former CM Uma Bharti: पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने कहा कि मेरे भतीजे में मेरे प्राण बसते हैं और ना मैं भूलूंगी और न बीजेपी भूलेगी, जब-जब हम सत्ता में पराजित हुए हैं तब तब सत्ता में वापस लाने का काम सिंधिया परिवार ने किया है.