एक साल में ही मालामाल हो गए रामलला, रामनगरी वालों की भी खूब हो रही कमाई, जानिए कितना बदल गया अयोध्या
राम मंदिर
Ram Mandir Ayodhya: आज से एक साल पहले, 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में राम मंदिर में रामलला की भव्य प्राण प्रतिष्ठा का महापर्व संपन्न हुआ था. यह घटना सिर्फ धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि भारतीय समाज, संस्कृति और राजनीति के लिहाज से भी ऐतिहासिक थी. एक साल का समय बीतने के बाद हम देख सकते हैं कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण और विकास की दिशा में क्या बदलाव आए हैं. साथ ही, इस प्राचीन शहर में तीर्थयात्रियों का उत्साह और रामलला की कमाई के आंकड़े भी रोचक रूप से सामने आ रहे हैं.
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद, अयोध्या में तीर्थयात्रियों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है. पब्लिक ट्रांसपोर्ट, होटल, और अन्य सुविधाओं में भी एक नज़र डालें तो यह साफ़ दिखाई देता है कि अब अयोध्या को एक प्रमुख तीर्थ स्थल के रूप में देखा जा रहा है.
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के बाद अयोध्या ने तीर्थयात्रियों के मामले में एक नया रिकॉर्ड बना लिया है. 2024 के पहले नौ महीनों में अयोध्या में 13 करोड़ से अधिक श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे, जो आगरा के ताज महल के पर्यटकों की संख्या से कहीं अधिक है. उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 476.1 मिलियन पर्यटक पूरे राज्य में आए, जिनमें सबसे अधिक संख्या श्रीराम नगरी अयोध्या में देखने को मिली. खास बात यह है कि इनमें से 13.55 करोड़ भारतीय और 3.15 करोड़ विदेशी पर्यटक थे.
यह आंकड़ा बताता है कि अयोध्या अब न केवल धार्मिक महत्व का केंद्र बन चुका है, बल्कि पर्यटकों का आकर्षण भी बन गया है. 2023 में कुल 480 मिलियन पर्यटक उत्तर प्रदेश पहुंचे थे, जबकि 2024 में सिर्फ 9 महीनों में ही इस संख्या को पार कर लिया गया. खासकर धार्मिक पर्यटन में 80% की बुकिंग में वृद्धि देखी गई है, जो अयोध्या की बढ़ती लोकप्रियता और रामलला के प्रति श्रद्धा को दर्शाता है. राम मंदिर के निर्माण और प्राण-प्रतिष्ठा के बाद, अयोध्या की चमक अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बढ़ी है, और यह स्थल अबआने वाले वर्षों में तीर्थयात्रियों की संख्या में और भी वृद्धि होने की संभावना है, क्योंकि मंदिर का निर्माण पूरा होने के बाद यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या में दोगुनी बढ़ोतरी की उम्मीद है.
कहां तक पहुंचा निर्माण कार्य?
अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण तेजी से हो रहा है और अब राम दरबार की भव्य मूर्तियों का काम जयपुर में जोरों से चल रहा है. इन मूर्तियों में भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान की छवियां शानदार तरीके से उकेरी जा रही हैं. निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा के मुताबिक, ये अद्भुत मूर्तियां 31 जनवरी और 15 फरवरी के बीच अयोध्या पहुंच सकती हैं. जब ये मूर्तियां राम मंदिर में स्थापित होंगी, तो मंदिर की भव्यता में चार चांद लग जाएंगे, और श्रद्धालुओं के लिए यह एक दिव्य अनुभव होगा.
अयोध्या का सौंदर्यीकरण भी बड़े पैमाने पर हो रहा है. यहां की सड़कों, जल आपूर्ति और पार्किंग व्यवस्था को बेहतर बनाने के साथ-साथ धार्मिक स्थलों के आस-पास हरियाली और आकर्षक सजावट पर भी ध्यान दिया जा रहा है. इस विकास से अयोध्या न केवल एक प्रमुख धार्मिक स्थल बन रहा है, बल्कि पर्यटन और सांस्कृतिक धरोहर के रूप में भी दुनिया भर में अपनी पहचान बना रहा है. राम मंदिर के विस्तार और इसकी भव्यता के साथ अयोध्या की तस्वीर अब पहले से कहीं अधिक रोशन और आकर्षक नजर आती है.
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अयोध्या का चहुंमुखी विकास
राम मंदिर के निर्माण ने अयोध्या के विकास को नई दिशा दी है. पूरे शहर को ‘तीर्थ नगरी’ के रूप में विकसित किया जा रहा है. इसके अंतर्गत, सड़कें, जल आपूर्ति, बिजली की व्यवस्था, होटल, और धर्मशालाओं की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. राज्य और केंद्र सरकार के द्वारा बड़े पैमाने पर विकास कार्यों की योजना बनाई जा रही है.
अयोध्या में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए नए मॉल, व्यापारिक केंद्र, और सांस्कृतिक केंद्रों का निर्माण हो रहा है. सरकार की योजना है कि अयोध्या को एक अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित किया जाए, जहां देश-विदेश से श्रद्धालु और पर्यटक दोनों ही आ सकें.
रामलला की कमाई
राम मंदिर में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं से मिलने वाली आय भी लगातार बढ़ रही है. श्रद्धालु अपने चढ़ावे, प्रसाद और विभिन्न धार्मिक वस्त्रों का दान कर रहे हैं. इसके साथ ही, मंदिर के आसपास के क्षेत्रों में छोटे-मोटे व्यापारियों और दुकानदारों का भी व्यापार बढ़ रहा है. 2024 में राम मंदिर के निर्माण के लिए दान की राशि में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है, जो दर्शाता है कि रामलला के प्रति श्रद्धालुओं का समर्थन और विश्वास लगातार मजबूत हो रहा है. अप्रैल 2024 से अक्टूबर 2024 तक राम मंदिर के दान-पात्र में 55.12 करोड़ रुपये का चढ़ावा प्राप्त हुआ है, और अब तक मंदिर को कुल 5000 करोड़ रुपये से अधिक का दान मिल चुका है. इनमें से 18 करोड़ राम भक्तों ने 3200 करोड़ रुपये समर्पण निधि के रूप में दिए, जबकि विदेशों से भी 11 करोड़ रुपये का दान प्राप्त हुआ है.
राम कथा वाचक मोरारी बापू ने सबसे बड़ा दान दिया है. उन्होंने 11.3 करोड़ रुपये की राशि दान में दी है. इसके अलावा, श्रीरामकृष्णा एक्सपोर्ट्स के मालिक गोविंदभाई ढोलकिया ने भी 11 करोड़ रुपये का दान दिया. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का अनुमान है कि 2024-2025 के वित्तीय वर्ष में राम मंदिर के निर्माण और अन्य संबंधित कार्यों पर करीब 850 करोड़ रुपये खर्च होंगे. यह दान और समर्थन राम मंदिर के निर्माण को तीव्र गति से आगे बढ़ा रहा है और अयोध्या को एक भव्य धार्मिक स्थल के रूप में स्थापित कर रहा है.
यह राशि लगातार बढ़ने की उम्मीद है, खासकर जब मंदिर का निर्माण पूरी तरह से समाप्त हो जाएगा और अधिक तीर्थयात्री यहां आएंगे. साथ ही, मंदिर में पर्यटन और धार्मिक गतिविधियों के चलते अयोध्या में रोजगार के अवसर भी बढ़े हैं. स्थानीय लोगों के लिए रोजगार, व्यापार और छोटे उद्योगों के लिए नये रास्ते खुल रहे हैं.
वैश्विक केंद्र के रूप में उभर रहा अयोध्या
अयोध्या राम मंदिर के निर्माण का धार्मिक महत्व तो है ही, लेकिन यह स्थान अब एक वैश्विक केंद्र के रूप में उभरने की दिशा में भी बढ़ रहा है. आने वाले वर्षों में यहां न सिर्फ भारतीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय श्रद्धालु भी बड़ी संख्या में आएंगे. राम मंदिर के आसपास होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम, धार्मिक समारोह, और महोत्सवों से यह जगह एक “विश्व धरोहर” के रूप में स्थापित हो सकती है.
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के एक साल के भीतर अयोध्या ने जो धार्मिक, सांस्कृतिक और व्यावसायिक विकास देखा है, वह अद्वितीय है. मंदिर निर्माण के साथ-साथ शहर का रूपांतरण भी हो रहा है, और आने वाले वर्षों में अयोध्या एक प्रमुख पर्यटन और धार्मिक केंद्र के रूप में स्थापित होने जा रहा है. इस ऐतिहासिक यात्रा में रामलला की उपस्थिति केवल आध्यात्मिक ही नहीं, बल्कि समाज और संस्कृति के सभी पहलुओं को भी प्रभावित करने वाली है.