पूजा स्थलों पर हमले के बाद मानवाधिकार का ढोंग, भारत ने UN में पाकिस्तान की दोहरी नीति को किया उजागर

UNSC: पाकिस्तान को आईना दिखाते हुए भारत ने UN के मंच पर उसके झूठों की पोल खोल दी.
Harish Puri

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि, राजदूत हरीश पुरी

UNSC: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के मंच पर भारत ने एक बार फिर से पाकिस्तान को उसी औकात बता दी है. पाकिस्तान को आईना दिखाते हुए भारत ने UN के मंच पर उसके झूठों की पोल खोल दी. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि, राजदूत हरीश पुरी ने पाक द्वारा आतंकवाद पर दिए उपदेशों पर जमकर लताड़ लगाई.

भारत ने करारा जवाब देते हुए UN में भारत के स्थायी प्रतिनिधि, राजदूत हरीश पुरी ने कहा कि पाकिस्तान एक ऐसा देश है जो नागरिक और आतंकवादियों में कोई फर्क नहीं करता. नागरिकों की सुरक्षा पर चर्चा में उसका (पाकिस्तान) भाग लेना अंतरराष्ट्रीय समुदाय का अपमान है.

शुक्रवार, 23 मई को भारत के स्थायी प्रतिनिधि पार्वथानेनी हरीश ने कहा कि मैं कई मुद्दों पर पाकिस्तान के प्रतिनिधि के निराधार आरोपों का जवाब देने के लिए बाध्य हूं. हरीश ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की खुली चर्चा में एक बयान देते हुए ये टिप्पणियां कीं. हरीश ने पाकिस्तान पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि जो देश नागरिकों और आतंकवादियों में फर्क नहीं करता, उसे मानवाधिकारों पर उपदेश देने का कोई हक नहीं है.

हाल ही में पाकिस्तानी सेना द्वारा भारतीय सीमा पर स्थित गांवों पर किए गए हमलों का हवाला देते हुए भारत ने बताया कि इन हमलों में 20 से अधिक नागरिकों की जान गई और 80 से ज्यादा घायल हुए. विशेष रूप से, गुरुद्वारों, मंदिरों और अन्य पूजा स्थलों को जानबूझकर निशाना बनाया गया, जो अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का स्पष्ट उल्लंघन है. पाकिस्तान के राजदूत असीम इफ्तिखार अहमद ने संयुक्त राष्ट्र में अपने भाषण में कश्मीर मुद्दे को उठाया था.

भारत और पाकिस्तान के बीच हाल के संघर्ष के बारे में भी बात की. इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए हरीश ने कहा कि भारत ने दशकों से अपनी सीमाओं पर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादी हमलों का सामना किया है. उन्होंने कहा कि भारत ने दशकों से अपनी सीमाओं पर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादी हमलों का सामना किया है. इसमें मुंबई पर हुए 26/11 के भयानक हमले से लेकर अप्रैल 2025 में पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों की बर्बर सामूहिक हत्या तक शामिल है. हरीश ने कहा- ‘पाकिस्तानी आतंकवाद के शिकार मुख्य रूप से आम नागरिक रहे हैं, क्योंकि इसका उद्देश्य हमारी समृद्धि, प्रगति और मनोबल पर हमला करना रहा है. ऐसे देश का नागरिकों की सुरक्षा पर चर्चा में भाग लेना भी अंतरराष्ट्रीय समुदाय का अपमान है.’

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पूरी ने आगे कहा- ‘पाकिस्तान ने आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए बार-बार नागरिकों की ढाल का इस्तेमाल किया है. हमने हाल में पाकिस्तान के वरिष्ठ सरकारी, पुलिस और सैन्य अधिकारियों को ऑपरेशन सिंदूर के निशाने पर आए आतंकवादियों के अंतिम संस्कार में शामिल होते देखा. एक ऐसा देश जो आतंकवादियों और नागरिकों के बीच कोई अंतर नहीं करता, उसके पास नागरिकों की सुरक्षा के बारे में बोलने का कोई हक नहीं है.’

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