MP News: स्कूल शिक्षा विभाग ने स्कूल के बोझ को किया कम, स्कूली बच्चों को मिलेगी राहत

MP News: स्कूल शिक्षा विभाग ने स्कूल के बोझ को कम कर दिया है. विभाग के इस फैसले से कम उम्र में बच्चों को ज्यादा बोझ नहीं उठाना पड़ेगा.
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प्रतीकात्मक फोटो

MP News: मध्य प्रदेश में अब स्कूल बेफिजूल किताब और कापियों से बच्चों के बैग का बोझ नहीं बढ़ा पाएंगे. स्कूल शिक्षा विभाग ने स्कूल के बोझ को कम कर दिया है. अभी निजी स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई की समाग्री से वजन 5 किलो का हो जाता है. बच्चों के शारीरिक क्षमता को ध्यान में रखते हुए स्कूल बैग पॉलिसी के तहत वजन तय कर दिया है.

विभाग के इस फैसले से कम उम्र में बच्चों को ज्यादा बोझ नहीं उठाना पड़ेगा. इस मांग को लेकर पालकों ने कई बार मुद्दा उठाया था. इस लिहाज से उन्हें भी राहत मिल गई है. स्कूल संचालक बच्चों की पढ़ाई में एक ही विषय की कई किताब और कापियां रोजाना लाने के लिए अनिवार्य करते हैं. ऐसी स्थिति में बच्चों के बैग का वजन क्षमता से ज्यादा हो जाता है. सरकार ने यह कदम स्कूल बैग पॉलिसी का हवाला देते हुए उठाया है.

क्या है राष्ट्रीय शिक्षा नीति

मप्र सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन की दृष्टि से स्कूल बैग पॉलिसी तहत प्रदेश के सभी सरकारी, गैर-सरकारी और अनुदान प्राप्त स्कूलों के विद्यार्थियों के स्कूल बैग का वजन तय कर दिया है. इस फैसले के तहत कक्षा पांच तक के विद्यार्थियों के बस्ते का बोझ ढाई किलो से ज्यादा नहीं होगा. विद्यार्थियों के लिए यह काफी राहत भरा फैसला है.

आपको बत दें कि मध्य प्रदेश में बीते कुछ वर्षों से स्कूली बच्चों के बैग का बोझ कम करने की मांग लगातार विशेषज्ञ उठा रहे थे. दोनों क्लास के लिए स्कूल बैग का वजन ढाई किलो आदर्श होना चाहिए. सातवीं क्लास के बच्चों का स्कूल बैग 22 किलो से ज्यादा वजनी है. स्कूली बच्चों के बैग का भार शरीर के भार से 10 फीसदी से ज्यादा नहीं होना चाहिए.

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