EVM पर घमासान, चुनाव आयोग ने कांग्रेस को दिया जवाब तो दिग्विजय सिंह ने बताया ‘भ्रामक’

MP News: मध्य प्रदेश चुनाव आयोग दिग्विजय सिंह के ईवीएम पर उठाए सवालों का जवाब लिखित में दिया है.
Digvijaya Singh

पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह (फोटो- सोशल मीडिया)

MP News: मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव के पहले दिग्विजय सिंह ने EVM पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं, जिसके बाद अब चुनाव आयोग भी सामने आकर खुलकर दिग्विजय सिंह को गलत साबित करने में लग गया है. आयोग ने कांग्रेस को लिखित में EVM से जुड़े सवालों के जवाब भी भेजे हैं. दरअसल दिग्विजय सिंह ने EVM के मॉडल में गड़बड़ी का डेमो दिया था, जिसके बाद कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग से सवाल भी पूछे थे. अब बुधवार को मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने इन सवालों के जवाब भेजे हैं. 

चुनाव आयोग के जवाब

कांग्रेस का सवाल 1. EVM​​​​​ की FLC करते वक्त जो सिंबल लोडिंग यूनिट के सॉफ्टवेयर को इंजीनियर लोड करते हैं उस प्रोग्राम की जानकारी उपलब्ध कराई जाए.

चुनाव आयोग का जवाब- EVM की FLC की प्रक्रिया के दौरान उपस्थित रहने के लिए दो दिन पहले मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को लिखित सूचना दी जाती है. सिंबल लोडिंग यूनिट का उपयोग VVPAT में चुनाव चिह्न लोड करने के लिए किया जाता है, जो कि भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड बेंगलुरु के इंजीनियर द्वारा की जाती है. मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के अधिकृत प्रतिनिधि के सामने इसे दिखाया जाता है.

कांग्रेस का सवाल 2.–  EVM​​​​​ की FLC करते वक्त इंटरनेट रूम में कंप्यूटर के जरिए जो जानकारी भेजी जाती है, वह भी राजनीतिक दलों को उपलब्ध कराई जाए.

ECI का जवाब- इसकी जानकारी मैन्युअल इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन अगस्त 2023 एडिशन में दी गई है. एडिशन के 8 चैप्टर 2 एफएलसी ऑफ ईवीएम के बिंदु 2.9 सीलिंग ऑफ प्लास्टिक कैबिनेट ऑफ कंट्रोल यूनिट ऑफ ईवीएम विथ पिंक पेपर सील के तहत एफएलसी OK मशीनों- BU, CU, VVPAT की लिस्ट यूनिक आईडी के साथ सभी मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों को उपलब्ध कराई जाती है.

जवाब को निराशाजनक और भ्रामक बताया

दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया पर कांग्रेस का पत्र और निर्वाचन आयोग से मिले जवाबों को साझा करते हुए लिखा- चुनाव आयोग द्वारा दिए गए जवाब निराशाजनक एवं भ्रामक हैं. उन्होंने लिखा कि मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने अगले ही दिन 30 जनवरी को भ्रामक उत्तर दे दिए हैं, जो आयोग की पारदर्शिता पर सवाल खड़े करता है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सवालों के जवाब में FLC की प्रक्रिया की जानकारी दे दी गई. जिसे सभी राजनीतिक दल पहले से ही जानते हैं.

दिग्विजय ने आगे लिखा कि जब चुनाव आयोग कहा जाता है कि EVM का इंटरनेट से संबंध नहीं है, तो हमारा सीधा सवाल है कि क्या सिंबल लोड करते समय इंटरनेट कनेक्शन की जरूरत होती है. यदि हां, तो इस बात को छिपाने की क्या वजह है कि FLC के समय इंटरनेट के माध्यम से संबंधित कक्ष में स्थापित कम्प्यूटर-लैपटॉप से किसे और क्या जानकारी भेजी जाती है. चुनाव आयोग EVM के संबंध में आम जनता को गुमराह कर रहा है. राजनीतिक दलों के इन सवालों के सीधे जवाब दिए जाने चाहिए, जो चुनाव की पारदर्शिता पर छाए हुए कोहरे को साफ करते हों.

ज़रूर पढ़ें