Delhi Mayor Election: दिल्ली में अभी नहीं होगा मेयर चुनाव, फंस गया पेंच, AAP ने LG पर लगाया बड़ा आरोप

आम आदमी पार्टी का कहना है कि चुनाव आयोग से अनुमति मिलने के बावजूद भाजपा ने यह चुनाव रद्द करवा दिया. उपराज्यपाल कार्यालय ने यह कहते हुए चुनाव रद्द कर दिया कि वह मुख्यमंत्री की सलाह पर काम करते हैं.
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Delhi Mayor Election: दिल्ली के मेयर और डिप्टी मेयर का निर्धारित चुनाव स्थगित कर दिया गया है. एमसीडी सचिव की ओर से जारी नोटिस में लिखा गया, ‘चूंकि डीएमसी अधिनियम, 1957 (संशोधित 2022) की धारा 77 (ए) के अनुसार पीठासीन अधिकारी का नामांकन अनिवार्य है. इसलिए तय समय पर मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव कराना संभव नहीं हो सकेगा. ‘ इससे पहले आम आदमी पार्टी ने गुरुवार को दावा किया कि उपराज्यपाल कार्यालय ने दिल्ली नगर निगम के मेयर चुनाव को “रद्द” कर दिया है.  AAP के एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने दावा किया कि पहली बार ऐसा हुआ है कि चुनाव आयोग की अनुमति के बावजूद बीजेपी ने चुनाव रद्द कर दिया है.

आम आदमी पार्टी का कहना है कि चुनाव आयोग से अनुमति मिलने के बावजूद भाजपा ने यह चुनाव रद्द करवा दिया. उपराज्यपाल कार्यालय ने यह कहते हुए चुनाव रद्द कर दिया कि वह मुख्यमंत्री की सलाह पर काम करते हैं. ऐसे पहले भी उदाहरण हैं जहां उन्होंने आयोग की सहायता और सलाह का पालन नहीं किया है.”

आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि पीठासीन अधिकारी से संबंधित फाइल को जानबूझकर लोक निर्माण मंत्री सौरभ भारद्वाज के बजाय मुख्यमंत्री कार्यालय भेजा गया, जैसा कि किया जाना चाहिए था. उन्होंने कहा, “अगर यह फाइल पीडब्ल्यूडी मंत्री के पास जाती तो वह पीठासीन अधिकारी को सलाह देते. ऐसा न करके सरकार पर चुनी हुई सरकार को नजरअंदाज करने का भी आरोप लगा.”

सीएम की सलाह पर एक पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति करते हैं एलजी

दरअसल, मेयर के चुनाव के लिए एलजी सीएम की सलाह पर एक पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति करते हैं, जो मेयर का चुनाव कराता है. लेकिन दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल जेल में हैं और वह जेल से एलजी को पीठासीन अधिकारी के लिए सलाह नहीं दे सकते. पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने के लिए दिल्ली के मुख्य सचिव ने फाइल आगे बढ़ाई थी. यह फाइल सीएम कार्यालय भेजी गई थी. सीएम की अनुपस्थिति के कारण यह फाइल वापस दिल्ली के मुख्य सचिव के पास आ गयी. जिसे मुख्य सचिव ने एलजी को भेज दिया.

पाठक ने बताया कि दूसरे कार्यकाल में महापौर का पद आरक्षित वर्ग के पार्षद के लिए आरक्षित है. उन्होंने कहा, “दलित समुदाय के लोग इस विकास की मांग कर रहे हैं. इससे पता चलता है कि भाजपा दलित विरोधी है. 2019 में भी जब लोकसभा चुनाव हो रहे थे, तब मेयर चुने गए थे.” यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी इस मामले में अदालत का दरवाजा खटखटाएगी, उन्होंने जवाब दिया, “हम इस मामले पर वकीलों के साथ चर्चा कर रहे हैं और देखेंगे कि क्या होता है. हमने पहले भी कुछ कठिनाइयां देखी हैं लेकिन हम यह सुनिश्चित करेंगे कि मेयर का चुनाव हो.”

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मेयर चुनाव के लिए उम्मीदवार

आम आदमी पार्टी की ओर से मेयर पद के लिए महेश खिची को नामांकित किया है, जबकि रविंदर भारद्वाज डिप्टी मेयर पद के लिए चुनाव लड़ेंगे. 45 वर्षीय खिची वर्तमान में एमसीडी हाउस में देव नगर वार्ड नंबर 84 के प्रतिनिधि के रूप में कार्यरत हैं और 2012 में इसकी स्थापना के बाद से आप से जुड़े हुए हैं. वह 2011 के इंडिया अगेंस्ट करप्शन (IAC) आंदोलन में भी सक्रिय रूप से शामिल रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मेयर पद के लिए किशन लाल और डिप्टी मेयर पद के लिए नीता बिष्ट को मैदान में उतारा है.

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