जेल में सीएम केजरीवाल और सिसोदिया…लोकसभा चुनाव में AAP के लिए मरहम साबित हो सकते हैं संजय सिंह

AAP नेता संजय सिंह सोशल मीडिया और दिल्ली में काफी एक्टिव हैं. अब जब वह जेल से रिहा हो गए हैं तो वो प्रचार की कमान संभाल सकते हैं.
Arvind Kejriwal, Manish Sisodia and Sanjay Singh

अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और संजय सिंह

Lok Sabha Election 2024: राज्यसभा सांसद संजय सिंह अब जेल से बाहर हैं. इसी के साथ संजय अब दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत पाने वाले पहले आम आदमी पार्टी नेता बन गए हैं. वही मामला जिसके लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया है और जेल में डाल दिया गया है.

हालांकि संजय सिंह तो जेल से आजाद हो गए हैं, लेकिन उनकी पार्टी के सुप्रीमो और दिल्ली के सीएम केजरीवाल, पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, आप के संचार प्रमुख विजय नायर अभी भी दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले में उनकी कथित संलिप्तता के लिए जेल में बंद हैं.

सिसोदिया की जमानत पर अब नजर

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले संजय सिंह की रिहाई के साथ अब सभी का ध्यान हाई-प्रोफाइल नेता सिसोदिया की जमानत याचिका पर केंद्रित हो गया है. सिसोदिया भी अभी तिहाड़ जेल में बंद हैं. पहले शीर्ष अदालत द्वारा इनकार किए जाने के बाद उन्होंने मंगलवार को निचली अदालत में नई जमानत याचिका दायर की है. आइए जानें कि लोकसभा चुनाव में कैसे आम आदमी पार्टी के लिए मरहम बन सकते हैं संजय सिंह.

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AAP को अभी संजय की जरूरत

बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले संजय सिंह की रिहाई आम आदमी पार्टी के लिए बड़ी राहत है. चुकी चुनाव सिर पर है और पार्टी के पास कोई बड़ा फेस प्रचार की कमान सौंपने के लिए नहीं था तो ऐसे में अब संजय सिंह के जेल से रिहा होने से पार्टी को नई ऊर्जा मिल सकती है. वहीं आम आदमी पार्टी के लिए लोकसभा चुनाव 2024 की रणनीति बनाने में संजय सिंह बड़ी भूमिका निभा सकते हैं. माना जाता है कि संगठन में उनकी मजबूत पकड़ और सरकार से मोर्चा लेने की छवि से पार्टी के पक्ष में माहौल बन सकता है. प्रचार के मामले में भी संजय सिंह पार्टी के लिए बूस्टर डोज साबित हो सकते हैं.

प्रचार के लिए नहीं हैं कोई बड़ा नेता

गौरतलब है कि AAP नेता संजय सिंह सोशल मीडिया और दिल्ली में काफी एक्टिव हैं. अब जब वह जेल से रिहा हो गए हैं तो वो प्रचार की कमान संभाल सकते हैं. खास तौर पर दिल्ली में. दरअसल, पंजाब के सीएम भगवंत मान ज्यादातर पंजाब में ही सक्रिय रहते हैं. उन्हें जब पंजाब की 13 सीटों से फुर्सत मिलेगी तो वह गुजरात का रुख करेंगे, और इन सबसे जब उन्हें कहीं वक्त मिलेगा तो दिल्ली की 4 सीटों पर प्रचार करने आएंगे. ऐसे में आम आदमी पार्टी को एक ऐसे नेता की जरूरत थी जो मोर्चा संभाले.

ऐसा भी नहीं है कि आम आदमी पार्टी के पास अब नेता नहीं बचे थे. आतिशी और सौरभ भारद्वाज सीएम केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद सक्रिय नजर आ रहे हैं. लेकिन इस बीच दोनों नेता भी ईडी की रडार पर आ गए हैं. आतिशी ने तो गिरफ्तारी का अंदेशा भी जता दिया है.

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