Housefull 5 Review: A और B की उथल-पुथल में हंसी का डबल मीनिंग वाला डोज, कॉमेडी वाले अक्षय कुमार की हुई वापसी

हाउसफुल मूवी पोस्टर
Housefull 5 Review: सिनेमाघरों में फिल्म हाउसफुल-5 रिलीज हो चुकी है और ये फिल्म कई ट्विस्ट के साथ रिलीज हुई है. हाउसफुल 5A और हाउसफुल 5B रिलीज़ हुई है. ये साजिद नादियाडवाला का दिमाग है क्योंकि ट्रेलर से जैसे आपको पता होगा कि इसमें दो किलर्स हैं. A में अलग किलर हैं, B में अलग किलर है. हाउसफुल 5A का रिव्यू पढ़ने से पहले से ये जान लीजिए कि ये फिल्म परिवार के साथ मत देखिएगा.
क्या कहती है फिल्म की कहानी?
हाउसफुल 5 की कहानी जो है बहुत ज्यादा कोई ऐसा मास्टर पीस नहीं है. इसलिए आपको करना क्या है, दिमाग को एकदम फ्रीज कर देना है. लॉजिक को अपनी Ex की तरह ही दूर भेज देना है और फिल्म कंसंट्रेट करना है. कहानी शुरू होती है, एक बहुत बड़ा ग्रैंड क्रूज़ शिप से जिसके मालिक हैं रंजीत डोबरियाल यानी रंजीत जी जिनकी मौत हो जाती है. उनके बाद उनकी प्रॉपर्टी जो है किसके नाम होगी वो वसीयत में लिख के जाते हैं और वसीयत में ये प्रॉपर्टी वो लिख के जाते हैं. उनके बेटे जॉली के नाम पर अब जॉली कौन है ? यही है पूरी फिल्म का सस्पेंस और इसके अलावा एक और सस्पेंस है कि आखिरी में उस प्रॉपर्टी को पाने के लिए जो किलर है जो सबको मार रहा है, वो किलर कौन है? यह प्रॉपर्टी जानते हैं कितने की है 69 बिलियन डॉलर की.
अब इसके बाद जो सामने आते हैं वो है अभिषेक बच्चन, अक्षय कुमार और रितेश देशमुख जो नकली जॉलीज बनकर आते हैं. फिर उसके बाद तरह-तरह के ट्विस्ट एंड टर्न्स आते हैं. क्या-क्या होता है आपको ये फिल्म हैरान करती जाएगी. इतने ट्विस्टेड टर्न्स आएंगे और आखिरी में सस्पेंस खुलेगा और कॉमेडी फिल्म में अगर ऐसा सस्पेंस खुले तो एक पल को आदमी शॉक रह जाता है. फर्स्ट हाफ इतना बेहतरीन है कि सेकंड हाफ के लिए वेट करना पड़ता है क्योंकि इतना दमदार सेकंड हाफ है. पहले हाफ में जो है स्टोरी बिल्ड-अप होती है, बहुत जोरदार तरीके से.
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फरदीन खान जो यहां पर रंजीत जी के दूसरे बेटे का रोल कर रहे हैं. दूसरे वाले को अब ढूंढना है पहले वाले बेटे को यानी कि असली जॉली को अब जॉली के लिए पूरा यह रायता फैला है. अब इस रायते को कौन समेटेगा? कैसे समेटेगा? सेकंड हाफ में पता चलेगा लेकिन फर्स्ट हाफ खत्म होने के बाद जब सेकंड हाफ शुरू होता है तो थोड़ा सा डर लगता है लेकिन ये जितने एक्टर्स की जो टोली है उसमें चार चांद लगा देती है और बहुत मनोरंजन करती है.
अक्षय कुमार की एक्टिंग ने जमाया रंग
एक्टिंग की बात क जाए तो अक्षय कुमार ने भैया रंग जमा दिया है. अब जो फैंस अक्षय कुमार की हेराफेरी-3 का इंतजार कर रहे थे ना उनके लिए एक ट्रीट हो सकती है. थोड़ा बहुत दिमाग को दिल को सुकून पहुंचेगा क्योंकि हमें वही पुराने वाले अक्षय कुमार दिखे हैं जो अपने कॉमेडी टाइमिंग के लिए जाने जाते हैं. इतनी कॉमेडी उन्होंने की है उनके जो एक्सप्रेशंस हैं, हम इस वाले अक्षय कुमार को बहुत टाइम से मिस कर रहे थे. लेकिन इस बार जो है बहुत फनी लगे हैं. इसके अलावा रितेश देशमुख की कॉमिक टाइमिंग बहुत जबरदस्त है लेकिन अभिषेक बच्चन का मुझे लगता है थोड़ा सा डाउन रहा मामला क्योंकि हम उन्हें सीरियस रोल्स में अब ज्यादा पसंद करते हैं.कॉमेडी में उतना असरदार वो यहां पर नहीं दिखे.
इसके अलावा उसमें जैकी श्रॉफ हैं संजय दत्त है इंटरवल के थोड़ा सा पहले आते हैं. पुलिस वाले बनके लेकिन गजब करते हैं इसके अलावा हीरोइंस में सोनम बाजवा, नरगिस फखरी, जैकलिन फर्नांडिस, चित्रांगदा सिंह चारों का सही इस्तेमाल हुआ है. क्योंकि ग्लैमरस तो चारों हैं लेकिन जो लाइमलाइट ले गई है वो है सौंदर्या शर्मा सौंदर्या शर्मा के सौंदर्य का पूर्ण इस्तेमाल हुआ है.इससे अच्छा बॉलीवुड डेब्यू नहीं हो सकता था.
इसके अलावा सोनम बाजवा जब पंजाबी बोलती हैं, आय-हाय इतनी क्यूट लगती हैं. आपको क्रश हो जाएगा उनके ऊपर और उसके बाद आते हैं हमारे नाना पाटेकर जी और मजा ला देते हैं. इंटरपोल चीफ के रूप में इन्वेस्टिगेशन करते हैं कि किलर हैं कौन और आखिरी में जब किलर मिलता है तो आपके होश उड़ जाते हैं इनके अलावा जो साइड एक्टर्स हैं जॉनी लीवर, चंकी पांडे साहब, श्रेयस तलपड़े, निकेतन धीर हैं. इसके अलावा रंजीत जी हैं उन लोगों ने भी ऐसा समा बांधा है कि भाई आप इस फिल्म के बाद तो उन लोगों के फैन हो ही जाएंगे.
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शानदार डायरेक्शन और स्क्रीनप्ले
आप पूरी फिल्म में पेट पकड़ कर हंसे जा रहे हैं और जब किलर का पता चलता है तो आप शॉक रह जाते हैं यह फिल्म इसलिए भी याद रखी जाएगी क्योंकि जब इतनी बड़ी स्टार कास्ट होती है. तब मुश्किल होता है टीम वर्क का कोऑर्डिनेशन का और अगर आपके पास स्टोरी बहुत बेसिक है तो स्क्रीनप्ले सबसे मजबूत होना चाहिए और साजिद नाडियाडवाला ने स्टोरी और स्क्रीनप्ले इतना अच्छा लिखा है कि कहानी कमजोर होने के बावजूद भी इतना जो शानदार टीम वर्क है इतने सारे एक्टर्स जब इतना अच्छा टीम वर्क दिखाएं कोर्डिनेशन दिखाएं तो ऐसी फिल्म बनना लाजमी है. तरुण मनसुखानी ने भी डायरेक्शन में पूरी ज़ोर आजमाइश की है और वो नजर भी आता है.
ओवरऑल फिल्म कैसी है
यहां पर जॉली का जब ट्विस्ट खुलेगा कि असली जॉली कौन है तब आपको पता चलेगा कि भैया यह तो क्या हो क्या गया और आप एक अलग से हंसी के साथ निकलेंगे सिनेमा हॉल से क्योंकि वो जॉली वो है जो वो जॉली वो था नहीं, वो जॉली तो वही था. अच्छा यही सब दिमाग में चलता रहेगा और एक बात और बतादूं कि इस फिल्म में पूरी हाउसफुल जितनी पिछली फिल्में आई हैं ना फिर तक उन सबकी स्टार कास्ट का इस्तेमाल कर लिया गया है उन्हीं सबके सींस भी रिपीट किए गए हैं. गाने भी बहुत शानदार हैं, लाल परी जब आता है तो स्क्रीन पे मजा ला देता है. इसके अलावा जो गाने थोड़े से ठंडे हैं लेकिन ओवरऑल यह फिल्म एक बहुत अच्छी एंटरटेनर है.