Gold Cash Case: सौरभ शर्मा की पत्नी, साले और जीजा से लोकायुक्त कर सकती है पूछताछ, आरोपी भी बनाए जा सकते हैं
सौरभ शर्मा की पत्नी, जीजा और साले से पूछताछ कर सकती है लोकायुक्त की टीम
Gold Cash Case: गोल्ड-कैश कांड मामले में लोकायुक्त (Lokayukt) की टीम अब मुख्य आरोपी सौरभ शर्मा (Saurabh Sharma) के रिश्तेदारों पर शिकंजा कसने जा रही है. शर्मा की पत्नी दिव्या तिवारी, साले रोहित तिवारी और विनय हासवानी से लोकायुक्त की टीम पूछताछ कर सकती है. ये भी कहा जा रहा है कि तीनों को मामले में आरोपी बनाया जा सकता है.
पहले भी नाम सामने आया था
लोकायुक्त की कार्रवाई में तीनों के नाम पहले भी सामने आए थे. राजधानी भोपाल में बन रहे जयपुरिया स्कूल के दस्तावेजों से पता चला था कि दिव्या तिवारी डायरेक्टर हैं. ये स्कूल सौरभ शर्मा की काली कमाई से बनाया जा रहा था. इसके साथ ही सौरभ की काली कमाई का लेखा-जोखा रखने का जिम्मा जीजा विनय हासवानी के पास था. यह भी बताया जा रहा है कि विनय हासवानी ने बेनामी रजिस्ट्रियां कराई थीं. रोहित तिवारी पर आरोप है कि रियल एस्टेट के माध्यम से काली कमाई को व्हाइट किया गया.
17 फरवरी तक ED को मिली रिमांड
ईडी ने सौरभ शर्मा, उसके दोस्त चेतन गौर और शरद जायसवाल पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है. 11 फरवरी को तीनों को PMLA कोर्ट में पेश किया गया था. जहां तीनों को 17 फरवरी तक रिमांड पर भेज दिया था.
234 किलो चांदी और 8 करोड़ रुपये कैश मिला था
19 दिसंबर को लोकायुक्त ने सौरभ शर्मा के भोपाल स्थित घर पर छापेमारी की थी. यहां से 234 किलो चांदी और 8 करोड़ रुपये कैश की बरामदगी की गई थी. इसके कुछ दिन बाद IT की सर्चिंग ऑपरेशन के दौरान भोपाल के मेंडोरी के जंगल से एक लावारिस कार मिली. इस कार से 54 किलो सोना बरामद हुआ था. ये कार ग्वालियर RTO में रजिस्टर्ड है. जिसका मालिक सौरभ का दोस्त चेतन गौर निकला था.
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इसी कार से एक डायरी मिली थी. इसमें 100 करोड़ रुपये के लेन-देन का ब्यौरा था. प्रदेश के 52 जिलों में RTO अधिकारियों के पैसे देने का जिक्र मिला था. ED ने सौरभ पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है.
कौन है सौरभ शर्मा?
सौरभ शर्मा परिवहन विभाग में पूर्व आरक्षक था. उसे अपने पिता के स्थान पर अनुकंपा नियुक्ति मिली थी. उसकी नियुक्ति को लेकर भी सवाल उठे थे. नियुक्ति पत्र में सामने आया था कि उसने अपनी पारिवारिक जानकारियां छिपाई थी. पत्र में बड़े भाई का जिक्र नहीं किया था. सौरभ पर आरोप है कि उसके पास RTO नाकों से उगाही करने का जिम्मा था. इसमें कई रसूखदार लोग शामिल थे. परिवहन विभाग में उसने केवल 12 साल नौकरी की थी. नौकरी से स्वैच्छिक रिटायरमेंट लेने के बाद बिल्डर बन गया. वहीं चेतन गौर और शरद जायसवाल उसके दोस्त हैं.