MP News: सिवनी जिले माँ बाला त्रिपुर सुंदरी देवी की आराधना मात्र से हो जाती है मनोकामना पूर्ण, ऐसा है मंदिर का इतिहास
संजीव क्रिडिया-
MP News: सिवनी जिले से 50 किलोमीटर दूर लखनादौन विकासखंड के अंतर्गत नेशनल हाईवे मार्ग पर गणेशगंज से पूर्व दिशा में 500 मीटर की ऊंचाइयों पर माँ बाला त्रिपुर सुंदरी देवी का मंदिर स्थापित हैं. जहाँ माँ भगवती की आराधना मात्र से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है.
यहाँ पर दोनों नवरात्रि का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है जिसमे श्रद्धालुओं द्वारा नवरात्रि पर अपनी मनोकामना पूर्ति के ज्योत कलश रखे जाते हैं. मंदिर में नवरात्र शुरू होते ही भक्तगण माँ भगवती की आराधना में लीन हो जाते हैं और जिले से ही नहीं अपितु आसपास के जिलों से भी श्रद्धालु माता रानी के दर्शन करने पहुचते हैं.
मंदिर का ऐसा है इतिहास
मंदिर के पुजारी ब्रम्हचारी राघवानंद ने बताया कि यह मंदिर बहुत पुराना है और गुरुजी ने इस मंदिर को खंडहर में देखा तो गुरुजी ने आकर सन 1984 में माँ भगवती त्रिपुर सुंदरी देवी की प्राण प्रतिष्ठा की एवं ब्रम्हलीन पूज्य महाराज द्विपीठाधीस्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज के कर कमलों से 9 जून सन2010 में इसका जीर्णोद्धार किया गया तब यहां बहुत बड़ा यज्ञ किया था. कार्यक्रम 9 दिनों तक हुआ उसके बाद जो भगवती की पुरानी प्रतिमा हैं. उसे पीछे एक छोटे मन्दिर में स्थापित किया गया हैं.
जो नई भगवती की प्रतिमा आयी हैं. यह 8 वर्ष की कन्या माँ बाला भवानी की भगवती राज राजेशश्वरी त्रिपुर सुंदरी देवी की बेटी हैं एवं मंदिर में इनके साथ प्रथम पूज्य भगवान गणेश एवं 9 देवियो ओर सर्व सिद्धि हनुमान जी की भी स्थापना की गई है जो परिक्रमा करते हुए श्रद्धालु दर्शन करते हैं. मंदिर परिसर में भगवान शंकर भोलेनाथ भी शिवलिंग के रुप मे स्थापित है जिनकी पूजा अर्चना भी भक्तों द्वारा की जाती है. एवं सावन माह एवं महाशिवरात्रि में भगवान शंकर का अभिषेक किया जाता हैं.
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आराधना मात्र से खुश हो जाती है मां भगवती
ब्रम्हचारी जी ने बताया कि गुरुजी बताते हैं की भगवती की जो कोई भी आराधना करले तो जैसे छोटे लड़के बच्चे हैं वो एक चॉकलेट में प्रशन्न हो जाते हैं. ऐसे ही माँ भगवती हैं जिनकी आराधना से सबकुछ मिल जाता है. इस क्षेत्र के लोगों का सौभाग्य है कि ब्रम्हलीन पूज्य द्विपीठाधीस्वर जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज ने यहाँ माँ बाला त्रिपुर सुंदरी देवी की प्राण प्रतिष्ठा की है.
टेकरी पर स्थित है मंदिर
यह मंदिर एक टेकरी पर स्थापित है जो लगभग 500 मीटर में ऊंचाई में है माँ भगवती के दरवार में शांति का वातावरण है. इसके ऊपर से चारो ओर देखने पर हरियाली ही हरियाली नजर आती है. नवरात्र के दिनों में विशेषकर अष्टमी के दिन यहां पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने पहुचते हैं.
दिसंबर में रथ यात्रा का होगा आयोजन
मंदिर के ब्रम्हचारी राघवानंद ने बताया है कि आगामी दिसंबर महीने में मां राजराजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी देवी एवं मां वाला भवानीपुर सुंदरी देवी की रथ यात्रा का आयोजन यहीं से होगा जिस कार्यक्रम में द्वारका शारदा पिता ईश्वर स्वामी सदानंद सरस्वती जी महाराज उपस्थित रहेंगे. और यह एक वृद्ध स्टार का कार्यक्रम होगा.