Bhopal Metro: भोपाल में जल्द दौड़ेगी मेट्रो, पहले 7 दिन तक फ्री रहेगी यात्रा, तीन महीने तक किराए में छूट

Bhopal Metro free ride: भोपाल मेट्रो का टिकट सिस्टम ऑनलाइन न होकर मैन्युअल ही रहेगा. जिस तरह आप ट्रेनों में यात्रा करने से पहले टिकट लेते हैं उसी तरह मेट्रो में भी टिकट लेकर ही यात्रा कर सकेंगे. यह सिस्टम पूरी तरह इंदौर मॉडल पर बना है.
Bhopal Metro

भोपाल मेट्रो (फाइल फोटो)

Bhopal Metro: इंदौर के बाद अब राजधानी भोपाल में भी बहुत जल्द मेट्रो दौड़ने वाली है. इसी महीने यानी दिसंबर में मेट्रो का कमर्शियल रन (Bhopal Metro Commercial Run) होगा औरखबर के मुताबिक, पीएम मोदी इस महीने भोपाल मेट्रो का उद्घाटन कर सकते हैं. इसी बीच भोपाल मेट्रो का किराया भी तय किया जा चुका है.

इंदौर मेट्रो मॉडल जैसे होगा किराया

बता दें कि गुरुवार को मेट्रो कमर्शियल रन की तैयारियों को लेकर बैठक भी हुई थी, जिसमें किराए को लेकर भी चर्चा हुई थी. मेट्रो कॉरपोरेशन के तरफ से अभी तक किराए को लेकर ऑफिशियल जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन यह कहा जा रहा है कि जिस तरह इंदौर में मेट्रो किराया मॉडल है, उसी तरह भोपाल में भी लागू हो सकता है.

7 दिन तक फ्री यात्रा

जानकारी के अनुसार, 7 दिन तक लोग भोपाल मेट्रो में फ्री यात्रा कर सकेंगे. यात्रियों को किराया नहीं देना होगा. वहीं, 3 महीने तक टिकट पर 75 प्रतिशत, 50 प्रतिशत और 25 प्रतिशत तक की छूट दी जाएगी. ऑफर खत्म होने के बाद सिर्फ 20 रुपए में मेट्रो का सफर किया जा सकेगा और अधिकतम किराया 80 रुपए होगा.

कब होगा 80 रुपए किराया ?

किराए का यह मॉडल इंदौर मेट्रो में भी लागू है. बोर्ड ने बताया कि अधिकतम 80 रुपए किराया तब होगा, जब पूरे ऑरेंज लाइन के रूट का काम पूरा हो जाएगा. ऑरेंज लाइन का पूरा रूट करीब 16 किलोमीटर है, जो एम्स से करोंद के बीच का है. 6.22 किलोमीटर का प्रायोरिटी कॉरिडोर सुभाषनगर से एम्स के बीच है.

टिकट सिस्टम मैन्युअल रहेगा

बता दें कि भोपाल मेट्रो का टिकट सिस्टम ऑनलाइन न होकर मैन्युअल ही रहेगा. जिस तरह आप ट्रेनों में यात्रा करने से पहले टिकट लेते हैं उसी तरह मेट्रो में भी टिकट लेकर ही यात्रा कर सकेंगे. यह सिस्टम पूरी तरह इंदौर मॉडल पर बना है. भोपाल और इंदौर मेट्रो परियोजनाओं के ऑटोमैटिक फेयर कलेक्शन सिस्टम लगाने वाली ‘असिस गार्ड’ (तुर्की कंपनी) से काम छीन लिया गया है और अब इस कार्य को पूरा करने के लिए नए सिरे से टेंडर प्रक्रिया शुरू किया जा रहा है, जिसके बाद ही ऑटोमैटिक फेयर कलेक्शन का काम पूरा हो सकेगा.

ये भी पढ़ें-Bhopal Metro: भोपाल मेट्रो को मिली कमर्शियल रन की मंजूरी, दिसंबर में पीएम मोदी कर सकते हैं लोकार्पण

मैन्युअल टिकट ही ऑप्शन

अधिकारियों ने बताया कि ‘असिस गार्ड’ (तुर्की कंपनी) इंदौर मेट्रो स्टेशनों पर ऑटोमैटिक फेयर कलेक्शन सिस्टम लगा रही थी, लेकिन बीच में विवाद हो गया और उनसे टेंडर छीन लिया गया, जिसके चलते अब इंदौर में मैन्युअल टिकट ही ऑप्शन बचा था.

ज़रूर पढ़ें